संयुक्त राज्य अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन और उसके आसपास के क्षेत्रों में भारतीय–अमेरिकियों के एक समूह ने भारत के प्रति चीन (China) की आक्रमकता और देश के अशांत मुस्लिम बहुल शिनजियांग क्षेत्र में उइगर अल्पसंख्यक समूह के मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ यहां प्रदर्शन किए।
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शारीरिक दूरी बरकरार रखते हुए और मास्क पहने हुए‚ शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी यूएस कैपिटल के सामने स्थित ऐतिहासिक राष्ट्रीय मॉल पर एकत्रित हुए और उन्होंने चीन (China) विरोधी पोस्टर‚ बैनर दिखाए तथा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) और उसके नेताओं के खिलाफ नारेबाजी की।
ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी यूएसके के अदापा प्रसाद ने कहा‚ इन गर्मियों में जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही थी‚ चीन (China) दूसरे की जमीन पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहा था। यह न सिर्फ भारत में लद्दाख की बात है बल्कि उसके अन्य पड़ोसियों के संबंध में भी है। अब समय है कि विश्व इस चीनी आक्रमता के खिलाफ एकजुट हो।
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पांच मई के बाद से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के आस–पास के कई इलाकों में गतिरोध जारी है।
यह स्थिति 15 जून को गलवान घाटी संघर्ष के बाद से बिगड़ गई थी जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और कई चीनी सैनिकों के मारे जाने की भी खबरें आईं, लेकिन उनकी संख्या पता नहीं चली।
भारतीय मूल के अमेरिकी रिपब्लिकन एवं प्राउड अमेरिकन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी के संस्थापक पुनीत अहलुवालिया ने कहा‚ चीन (China) की कम्युनिस्ट पार्टी ने उइगर समुदाय के धार्मिक अधिकारों का हनन किया है और हांगकांग के लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है।
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