भारतीय वायुसेना आज अपना 89वां स्थापना दिवस (Indian Air Force Day) मना रही है। इस अवसर पर भारतीय वायुसेना के बहादुर जवान आसमान जबरदस्त करतब दिखाते हैं।
Indian Air Force Day: भारतीय वायुसेना आज अपना 89वां स्थापना दिवस (Indian Air Force Day) मना रही है। इस अवसर पर भारतीय वायुसेना के बहादुर जवान आसमान जबरदस्त करतब दिखाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायुसेना दिवस के अवसर पर वायुसैनिकों और उनके परिवारों को शुभकामना दी है।
उन्होंने कहा, “भारतीय वायु सेना साहस, परिश्रम और व्यावसायिकता का पर्याय है। उन्होंने चुनौतियों के समय देश की रक्षा करने और अपने मानवीय गुणों से खुद के लिए प्रतिष्ठा पायी है।”
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इस मौके पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (इस वक्त उत्कृष्ट सेवा के लिए कई जवानों को सम्मानित किया। एयर चीफ मार्शल ने अपने जवानों को चुनौतियों का सामना करने के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा, “आपके साथ खड़ा होना मेरा सौभाग्य है। आपके बलिदान के बिना ये सब संभव नहीं था। हम किसी भी दुश्मन को अपने देश में घुसने का मौका नहीं देंगे। अपने सभी साथियों की तरफ मैं उन लोगों और उनके परिवारों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया।”
एयर चीफ मार्शल बोले, “आप हर दिन अपना सर्वश्रेष्ठ दीजिए और मैं भी वादा करता हूं कि मैं भी यही करूंगा। पूरे गर्व के साथ हर दिन काम करें और देश की सुरक्षा में लगे रहें।” उनका भाषण खत्म होने के बाद राष्ट्रगान बजा जिसके बाद जवानों की परेड शुरू हुई। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने हिंडन एयरबेस पर 89वें स्थापना दिवस (Indian Air Force Day) के मौके पर वायुसेना परेड का निरीक्षण किया।
इस मौके पर स्वदेशी विमान तेजस समेत फ्रांस से आए राफेल ने आसमान में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए देश की ताकत का एहसास कराया। इस बार स्थापना दिवस की थीम ‘आत्मनिर्भर और सक्षम’ है। वायुसेना के जवान भारत पाक युद्ध के पचास साल पूरे होने पर अपने शौर्य का खास प्रदर्शन कर रहे हैं।
बता दें कि 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना दिवस (Indian Air Force Day) मनाया जाता है। भारतीय वायुसेना दुनिया की सबसे ताकतवर वायु सेनाओं में से एक है। वायुसेना ने कई बार अपने पराक्रम से भारत को गौरवान्वित किया है। 8 अक्टूबर, 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी इसीलिए हर साल 8 अक्टूबर वायुसेना दिवस मनाया जाता है।
देश के स्वतंत्र होने से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) कहा जाता था। आजादी के बाद वायुसेना के नाम में से ‘रॉयल’ शब्द को हटाकर सिर्फ ‘इंडियन एयरफोर्स’ कर दिया गया था। भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य “नभ: स्पृशं दीप्तम” है। इसे गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। महाभारत के युद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है।
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वायुसेना ध्वज, वायु सेना निशान से अलग, नीले रंग का है जिसके शुरुआती एक चौथाई भाग में राष्ट्रीय ध्वज बना है और बीच के हिस्से में राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों अर्थात् केसरिया, श्वेत और हरे रंग से बना एक वृत्त (गोलाकार आकृति) है। यह ध्वज 1951 में अपनाया गया।