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कश्मीर मुद्दे पर एर्दोगन के बयान पर भारत ने जताई आपत्ति, तुर्की को सख्त शब्दों में भेजा विरोधपत्र

भारत ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) के कश्मीर में मौजूदा हालात पर चिंता जताने वाले बयान पर तुर्की को कड़े शब्दों में डि़मार्शे (आपत्तिपत्र) भेजा है।

Photo Credit: Dipanjan Roy Chaudhury

विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में जारी बयान में कहा कि एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) के बयान में न तो इतिहास की समझ झलकती है और न ही कूटनीतिक आचरण दिखाई देता है। इसका तुर्की के साथ भारत के संबंधों में गहरा असर पड़ेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान द्वारा सीमापार आतंकवाद को अंजाम देने को जायज ठहराने के तुर्की के बार–बार किए जा रहे प्रयासों को खारिज कर दिया है।

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पाकिस्तान की संसद के संयुक्त सत्र को शुक्रवार को दिए संबोधन में एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) ने कहा कि कश्मीरी जनता का ‘संघर्ष’ प्रथम विश्व युद्ध में विदेशी ताकतों के खिलाफ तुर्की की जनता की लड़ाई की तरह है। उसने कश्मीर के मुद्दे पर इस्लामाबाद का समर्थन किया। कुमार ने एक बयान में कहा‚ भारत ने राष्ट्रपति एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) द्वारा इस्लामाबाद की उनकी हालिया यात्रा में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर पर दिए गए बयानों पर कड़ा डिमार्शे जारी किया है।

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ये बयान न तो इतिहास की समझ झलकाता है और ना ही कूटनीतिक आचरण। उन्होंने कहा कि तुर्की के राष्ट्रपति के बयान ने पहले के घटनाक्रम को बेकार कर दिया और वर्तमान को लेकर राष्ट्रपति की संकीर्ण सोच प्रदर्शित की है। कुमार के मुताबिक‚ हालिया घटनाक्रम ने अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की तुर्की की प्रवृत्ति का एक और उदाहरण पेश किया है। भारत इसे पूरी तरह अस्वीकार्य करता है।

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