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पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने पर सहमति बनी, 3 चरणों में अपनी सेनाएंं हटाएंगे भारत और चीन

Talk between India China

भारत और चीन (India China) के बीच चल रहे पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को सुलझाने के प्रयास लगातार जारी हैं। दोनों देशों (India China) की सेना पूर्वी लद्दाख में तीन चरणों वाले (थ्री–स्टेप) डिसइंगेजमेंट (सैनिकों को पीछे हटाना) और पहले जैसी स्थिति बहाल करने को लेकर विचार कर रही हैं। आगे वाले स्थान (फॉरवर्ड एरिया) से सैनिकों को पीछे हटाने यानी डिसइंगेजमेंट के तहत दोनों देशों के जवान अप्रैल वाली अपनी पुरानी यथास्थिति पर लौट जाएंगे। हालांकि‚ अभी डेपसांग क्षेत्र में व्याप्त तनाव को लेकर किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है। गतिरोध खत्म करने के लिए 6 नवम्बर को चुशुल में कॉर्प्स–कमांडर लेवल की 8वें चरण की बातचीत की गई थी।

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एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, दोनों देश (India China) सैनिकों के निर्वासन सहित तीन–चरण के डिसइंगेजमेंट प्रस्ताव पर काम करने के लिए सहमत हुए हैं‚ लेकिन अभी तक जमीन पर कुछ भी नहीं हुआ है। इस सप्ताह 9वें दौर की बातचीत होने की संभावना है‚ लेकिन अभी तारीख तय नहीं हुई है।

भारत-चीन (India China) के बीच का एक्शन प्लान

पहले चरण के तहत पूर्वी लद्दाख में सीमा पर आगे के स्थानों से टैंकों हो हटाया जाएगा‚ जो कि इस दिशा में पहला कदम होगा। दूसरे चरण में‚ भारतीय सेना (Indian Army) पैंगोंग झील के किनारे फिंगर–3 के धन सिंह थापा पोस्ट पर वापस लौट आएगी‚ जबकि चीनी सैनिक फिंगर–8 पर वापस लौटेंगे। तीसरे चरण में‚ भारतीय सेना (Indian Army) उन सभी 13 महत्वपूर्ण उंचाइयों और क्षेत्रों से हट जाएगी‚ जिसमें रेजांग ला भी शामिल है‚ जहां उसने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे के साथ लगने वाले क्षेत्रों पर अपनी पहुंच स्थापित कर ली थी। सीमा के पास उंचाई वाले स्थानों पर कब्जा करने वाले इस कदम ने भारत को चीन पर बढ़त हासिल करने में मदद की है।

दरअसल‚ 30 अगस्त को भारत ने रेचन ला‚ रेजांग ला‚ मुकर्पी‚ और टेबलटॉप जैसे दक्षिणी तट पर पैंगोंग झील के पास महत्वपूर्ण पहाड़ी उंचाइयों पर कब्जा कर लिया था‚ जो तब तक मानव रहित थी। भारत ने ब्लैकटॉप के पास भी कुछ तैनाती की है। चीन द्वारा भड़काऊ सैन्य कदम उठाने की कोशिश के बाद यह कार्रवाई की गई थी। दोनों देशों (India China) के सैनिक माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान के संपर्क में रहते हैं‚ इसलिए दोनों देश अब सैनिकों को वापस लेने पर सहमत हुए हैं।

एक सूत्र ने कहा कि हर दिन 30 फीसदी सैनिकों को वापस ले लिया जाएगा। सैनिकों के पीछे हटने की प्रगति को ड्रोन और प्रतिनिधिमंडल की बैठकों की सहायता से सत्यापित किया जाएगा।