भारतीय सेना (Indian Army) और चीनी सेनाओं ने तनाव को कम करने के प्रयासों में पूर्वी लद्दाख में एक और दौर की बातचीत की। दोनों पक्षों द्वारा पिछले हफ्ते बनी टकराव की स्थिति के बाद अतिरिक्त सैनिकों और हथियारों को पहुंचाने की होड़ के कारण एलएसी पर स्थिति ‘नाजुक’ बनी हुई है।
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सूत्रों ने कहा‚ चुशूल के पास करीब चार घंटे तक चली ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत में कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया। भारतीय सेना (Indian Army) उच्च स्तर की सतर्कता बरत रही है और इलाके में किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है। क्षेत्र में कुल मिलाकर हालात नाजुक बने हुए हैं।
पूर्वी लद्दाख स्थित पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे स्थित भारतीय इलाके पर कब्जे के लिए चीन द्वारा 29 और 30 अगस्त को की गई असफल कोशिश के बाद एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिण में रणनीतिक रूप से अहम कई उंचाई वाले स्थानों पर मुस्तैदी बढ़ा दी है।
वहीं तनाव के बीच बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) ने सीमांत इलाकों में सड़क निर्माण कार्य तेज कर दिया है। बीआरओ लेह को जोड़ने वाली सड़कों की मरम्मत और निर्माण के लिए रात-दिन काम में जुटा हुआ है।
इन सीमांत सड़कों के बन जाने से भारतीय सेना (Indian Army) की भारी मशीनें और हथियारों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में सहुलियत होगी। बीआरओ अधिकारियों के मुताबिक इन सड़कों के निर्माण में करोड़ों की अति-अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। एलएसी पर मामले की गंभीरता को देखते हुए बीआरओ कर्मचारियों के अलावा भाड़े के मजदूरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है और इन सभी से डबल शिफ्ट में काम करवाया जा रहा है। साथ ही लेह-लद्दाख में आगामी महीनों से पड़ने वाली बर्फबारी को देखते हुए सड़क साफ रखने के लिए भारी मशीनों की तैनाती कर दी गई है।