India-China Border Dispute: भारत और चीन (India China) के बीच पूर्वी लद्दाख गतिरोध को दूर करने के लिए लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर हुई बातचीत में एक–दूसरे ने अपनी–अपनी बात और स्थिति मजबूती से रखी। भारत ने गलवान घाटी और पेंगोंग लेक के उत्तरी क्षेत्र में घुसी चीनी सेनाओं की तुरंत वापसी की मांग की। इसके अलावा भारत ने एलएसी पर 5 मई से पहले जैसी स्थिति कायम करने की बात कही। लेकिन चीन अभी भी एलएसी के आसपास भारत की तरफ से हो रहे सड़क निर्माण को रोकने की बात पर अड़ा है।
पिछले एक महीने से जारी भारत-चीन (India China) गतिरोध को दूर करने लिए भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 14वीं कॉर्प के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने की। जबकि चीनी सेना की ओर से मेजर जनरल लियू लिन ने इस बैठक में हिस्सा लिया। मेजर जनरल लियू लिन चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के दक्षिण झिंजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर हैं।
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यह बैठक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) के पास लद्दाख के चुशूल के सामने चीनी क्षेत्र मोल्डो में आयोजित हुई। मोल्डो टकराव की जगह से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
करीब 5 घंटे चली इस बैठक में भारत ने चीन को 5 मई से पहले की स्थिति बनाने की मांग की और घुसपैठिये सैनिकों को वापस चीनी क्षेत्र में जाने को कहा। चीन ने भी बॉर्डर क्षेत्र में भारत की तरफ से सड़कों के निर्माण का मुद्दा उठाया और उन्हें निर्माण गतिविधियां रोकने को कहा।
भारत चीन (India China) के सैन्य अधिकारियों की इस बैठक की विस्तृत रिपोर्ट सेना मुख्यालय भेज दिया गया है। अब इस रिपोर्ट पर भारतीय सेना, विदेश मंत्रालय‚ एनएसए और पीएमओ के साथ चर्चा करेगी। दोनों पक्षों में चर्चा होने के बाद मामला राजनीतिक स्तर पर आ गया है।
वहीं सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्षों में अब बातचीत राजनीतिक स्तर पर होगी और शुरुआत संयुक्त सचिव स्तर से की जाएगी। अगर मामला इससे भी नहीं सुलझता है तो फिर सचिव स्तर पर बातचीत हो सकती है।
भारत और चीन (India China) दोनों ने ही स्पष्ट संकेत दिए हैं कि दोनों देशों के बीच का विवाद बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा। चीन ने कहा है कि हम बातचीत के जरिए मामला समझाने के लिए आतुर हैं।