प्रमुख बातें:
-
Jammu Kashmir के बाजारों में लौटी रौनक, लोगों ने की जमकर खरीदारी
-
बर्फबारी शुरू होते ही घाटी में उमड़ने लगी सैलानियों की भीड़
-
सड़कों पर निजी वाहनों के साथ सार्वजनिक वाहनों ने भी पकड़ी रफ्तार
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से धारा 370 और 35A को हटाए जाने के कदम को लेकर ऐहतियात के तौर पर विषेशकर घाटी में लगाए गए प्रतिबंधों के कारण मचे बवाल के बीच अब यहां जनजीवन तेजी से पटरी पर लौटता दिखाई दे रहा है। हालांकि, कश्मीर में इस बार करीब 1 माह पहले हुई बर्फबारी के कारण यहां के बगीचों में खड़े फलों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन शासन व प्रशासन इस नुकसान की भरपाई से लेकर अन्य दुविधाओं को भी जल्द दूर करने में लगा है।
श्रीनगर के मशहूर लालचौक बाजार में फिर से बड़ी तादाद में खरीदारों की मौजूदगी के साथ दूसरे बाजार भी गुलजार हो रहे हैं। समय से पहले हुई बर्फबारी के कारण यहां बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई, लेकिन शासन की शीघ्र कार्रवाई के कारण उसे बहाल किया गया है। इस मौसम में घाटी जोकि बर्फ की चादर में लिपट जाती है, स्थानीय नागरिकों ने कड़ाके की ठंड से बचने के लिए जंगल से एकत्र कर पर्याप्त लकड़ियों के साथ-साथ सर्दी के पूरे सीजन के लिए खानपान का सामान भी जुटाना शुरू कर दिया है। यह भी एक अहम वजह है कि करीब साढ़े तीन माह से अपने-अपने ठिकानों में घिरे लोग अब खरीदारी के लिए बाजारों का रूख किए हुए हैं।
अब सड़कों पर निजी वाहनों के अलावा मैटाडोर, तिपहिया जैसे सार्वजनिक वाहन दौड़ते दिखाई देते हैं। घाटी के ताजा हालात को लेकर कश्मीर के मंडलायुक्त बशीर अहमद खान का दावा है कि कश्मीर में अब हालात काफी हद तक सामान्य हो चुके हैं। यहां की सड़क परिवहन से लेकर विशेष रेल सेवा सुचारू रूप से चल रही है। वहीं, स्कूल व अन्य शिक्षण संस्थाएं भी सामान्य तौर से काम कर रही हैं। प्रशासन आम लोगों की दिक्कतों के समाधान में लगा है।
NRC पर शाह और ममता में रार, बंगाल में नहीं लागू होगा केंद्र का कानून!
कुल मिलाकर घाटी में फिर से रौनक तेजी से लौटती दिखाई दे रही है। जबकि डलझील, पहलगाम तथा गुलमर्ग अभी भी पर्यटकों की बाट जोह रहे हैं। दूसरी तरफ पटनीटॉप और नत्थाटॉप में हो रही बर्फबारी से सैलानियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। अगले तीन महीने तक होने वाली हिमपात को देखते हुए भारी संख्या में सैलानी एडवांस बुकिंग कर रहे हैं। इससे स्थानीय व्यापारियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद जगी है। प्रशासन भी सैलानियों की सुरक्षा दुरस्त करने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है।