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DRDO ने किया Agni Prime मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें इसकी खासियत

यह मिसाइल परमाणु हथियारों के साथ हमला करने में सक्षम है। अग्नि सीरीज की ये नई मिसाइल Agni Prime, 1000-2000 किलोमीटर तक सटीक निशाना साध सकती है।

देश ने रक्षा के क्षेत्र में एक और कामयाबी हासिल कर ली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अग्नि सीरीज की नई एडवांस्ड मिसाइल अग्नि-प्राइम (Agni Prime) का सफल परीक्षण कर लिया है। 28 जून सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर ओडिशा के तट पर डॉ. अब्दुल कलाम टापू पर अग्नि सिरीज की इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया। जानकारी के मुताबिक, परीक्षण के दौरान मिसाइल सभी पैमानों पर सटीक पाई गई।

डीआरडीओ ( DRDO) के एक अधिकारी के मुताबिक, “यह उच्च स्तर की सटीकता के साथ सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा करते हुए टेस्टबुक ट्रेजेक्टरी का पालन करता है।” DRDO अधिकारी ने कहा, ” यह 2000 किलोमीटर की सीमा तक लक्ष्य को मार सकता है, और इस वर्ग की अन्य मिसाइलों की तुलना में बहुत छोटी और हल्की है। नई मिसाइल में कई नई तकनीकों को शामिल किया गया है।”

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बता दें कि नई परमाणु-सक्षम मिसाइल पूरी तरह से कम्पोजिट मैटिरियल से बनी हुई है। अग्नि प्राइम (Agni Prime) मिसाइल को 4,000 किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-4 और 5,000 किलोमीटर की अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीकी को मिलाकर तैयार किया गया है।

यह मिसाइल परमाणु हथियारों के साथ हमला करने में सक्षम है। अग्नि सीरीज की ये नई मिसाइल Agni Prime, 1000-2000 किलोमीटर तक सटीक निशाना साध सकती है।

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अग्नि प्राइम मिसाइल दो स्टेज और सॉलिड फ्यूल पर आधारित है। इसे एडवांस रिंग-लेजर गायरोस्कोप पर आधारित जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम द्वारा निर्देशित किया जाएगा।

दोनों चरणों में समग्र रॉकेट मोटर्स हैं। इसका गाइडेंस सिस्टम इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स से लैस हैं। रक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सिंगल स्टेज वाले अग्नि-1 के विपरीत, डबल स्टेज वाले अग्नि प्राइम फ्लैक्सिबिलिटी के साथ सड़क और मोबाइल लॉन्चर दोनों से फायर किया जा सकता है।

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सूत्रों के मुताबिक, अग्नि प्राइम में अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग के कारण यह पिछले संस्करण की तुलना में कम वजन वाली स्लीक मिसाइल शक्ति है। इससे इसकी मारक क्षमता पहले तुलना में अधिक घातक होगी। इस मिसाइल को जल्द ही सेना में शामिल किया जा सकता है।