Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

COVAXIN: भारत में बनी कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन, मिली ह्युमन ट्रॉयल की अनुमति

सांकेतिक तस्वीर।

भारत ने कोरोना वायरस (Coronavirus) की वैक्सीन बनाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस (COVID-19) की वैक्सीन विकसित कर ली है। इस वैक्सीन का नाम ‘कोवैक्सिन’ (COVAXIN) है। कंपनी को सरकार से इंसानों पर इस वैक्सीन के परीक्षण की अनुमति भी मिल गई है।

देश भर में कोवैक्सिन (COVAXIN) का ह्युमन ट्रॉयल जुलाई में शुरू हो जाएगा। नतीजों के आधार पर इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर फैसला होगा। कंपनी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने वैक्सीन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

ताज होटल पर 26/11 जैसे हमले की मिली धमकी, कॉल करने वाले ने बताया नाम और Whatsapp नंबर

सार्स-सीओवी-2 स्ट्रेन को पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) में अलग किया गया और उसे भारत बायोटेक को हस्तांतरित किया गया। घरेलू इनएक्टिवेटेड वैक्सीन को हैदराबाद के जीनोम वैली में स्थित भारत बायोटेक के बीएसएल-3 (बायो-सेफ्टी लेवल 3) हाई कंटेनमेंट फैसिलिटी में विकसित किया गया। भारत बायोटेक ने कहा कि कंपनी द्वारा वैक्सीन के प्री-क्लीनिकल अध्ययनों के परिणाम प्रस्तुत करने के बाद यह अनुमति मिली है।

भारत ने कोरोना वायरस (Coronavirus) की वैक्सीन बनाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस (COVID-19) की वैक्सीन विकसित कर ली है।

 

कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. कृष्णा एल्ला के मुताबिक, “हम कोरोना वैक्सीन की घोषणा करते हुए फख्र महसूस कर रहे हैं। यह देश में तैयार होने वाली कोरोना की पहली वैक्सीन है। इसे आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ तैयार किया गया है।” डॉ. एल्ला के मुताबिक, “सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के सपोर्ट और गाइडेंस के कारण इस प्रोजेक्ट को अप्रूवल मिला। हमारी रिसर्च और दवा तैयार करने वाली टीम बिना थके लगातार काम कर रही है। इसे तैयार करने के लिए हर जरूरी तकनीकि की मदद ली जा रही है।”

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drug Controller General of India) , केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कंपनी को पहले और दूसरे चरण को शुरू करने की अनुमति दी है। अगर यह दवा क्लिनिकल ट्रायल में सफल रहती है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा भारत को होगा।