Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

सोशल डिस्टेंसिंग की अहमियत को ऐसे समझें और कोरोना वायरस के संक्रमण से बचें

स्वास्थ्य विभाग ने सोशल डिस्टेंसिंग और कोराना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से बचने के तौर तरीकों की बारीकियों के बारे में कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं। यह सुझाव अब अस्पतालों में सख्ती से लागू किए जा रहे हैं।

घर में हमेशा बंद रहनाः सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब घर में बंद रहना नहीं‚ बल्कि अन्य लोगों से निर्धारित दूरी बनाए रखना है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यात्रा करने से बचें व जब तक आवश्यक न हो‚ यात्रा न करें। घर से ही काम करें और सामाजिक समारोह में न जाएं।

घर पर किसी को न आने देनाः यह निर्भर करता है कि आपके परिवार के सदस्य कौन हैं और कितने स्वस्थ हैं। दो पहलुओं का ध्यान रखना है। पहला– जो सदस्य घर आ रहे हैं‚ वे बीमार न हों या उन्हें संक्रमण का खतरा/संभावना न हो। दूसरा– वह वृद्ध न हों। अगर परिवार के युवा और स्वस्थ सदस्य आना चाहते हैं तो इसमें कोई समस्या नहीं है। यह ध्यान रखें की ज्यादा लोग एकत्र न हों।

बच्चों को खेलने न देनाः फिलहाल आउटडोर एक्टिविटी से बचना चाहिए। यह ध्यान रखना जरूरी है कि बच्चे अधिक ट्रैफिक या भीड़भाड़ वाले इलाके में खेलने न जाएं। फिर भी अगर बच्चे जाना चाहते हैं तो खुली और साफ जगह पर भेजें। बच्चे बार–बार हाथों से चेहरे को छूते हैं इसलिए उन्हें हैंड सेनिटाइजर जरूर दें।

बाजार न जानाः बाजार जाएं‚ लेकिन जरूरत का सारा सामान खरीद लें‚ ताकि बार–बार जाने की आवश्यकता न पड़े। शॉपिंग के दौरान फोन का इस्तेमाल करना भी हानिकारक हो सकता है। हैंड सेनिटाइजर साथ रखें और घर आकर साबुन या हैंडवॉश से हाथ जरूर धोएं। घर के बुजुर्ग शॉपिंग और वॉकिंग से बचें

पढ़ें- कोरोना से लड़ रहे हरियाणा के डॉक्टरों के लिए एयरलिफ्ट होगी पर्सनल प्रोटेक्शन किट

समझिए घर में रहना जरूरी क्योंः

केस–1

ऐसा करना खतरनाक: 1918  में फैली महामारी के दौरान अमेरिका के फिलाडेल्फिया शहर के हेल्थ कमिश्नर विल्मर क्रूसेन ने 28 सितम्बर को परेड की इजाजत दे दी। इसके बाद संक्रमण तेजी से फैला। १२ हजार के करीब मौतें हुई।

केस–2

ऐसा करना फायदेमंद: इसी समय अमेरिका के सेंट लुइस शहर में हेल्थ कमिश्नर मैक्स स्टार्कलॉफ ने विरोध के बावजूद स्कूल‚ सिनेमा और खेल आयोजनों को बंद कर दिया था। संक्रमण कम हुआ‚ करीब 1700 लोगों की मौत हुई।

बच्चे और सोशल डिस्टेंसिंगः 13 साल की उम्र के बच्चों को कोरोना था‚ पर लक्षण दिखे ही नहीं-

<

p style=”text-align: justify;”>अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के एक अध्ययन के मुताबिक‚ चीन में जिन 2143 छोटे बच्चों में कोरोना वायरस (Coronavirus) पाया गया‚ उनमें 13 फीसद में इसके लक्षण ही नजर नहीं आए थे। यानी छोटे बच्चों में सोशल डिस्टेंसिंग और भी महत्वपूर्ण हो जाती है‚ क्योंकि उनके वायरस (Coronavirus) के संक्रमित होने पर हो सकता है कि लक्षण समझ ही न आएं। बच्चों को खेलने ले जाने या रिश्तेदारों के घर भेजने में सावधानी बरतना जरूरी है। इस दौरान उनके सेनिटाइजेशन और साफ–सफाई पर विशेष जोर दें।