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Coronavirus: मलेरियारोधी दवाओं से कोरोना का इलाज, स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना (Coronavirus) के संक्रमण से गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए मलेरियारोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के साथ एजीथ्रोमाइसीन देने की सिफारिश की है। मंत्रालय द्वारा 31 मार्च को जारी अपडेटेड गाइडलाइन में कहा गया कि यह दवा फिलहाल 12 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं तथा शिशुओं को दुग्धपान कराने वाली महिलाओं को नहीं नहीं दी जा रही है।

पहले की गई एंटी-एचआईवी दवाओं के उपयोग की सिफारिश को मंत्रालय ने हटा लिया है। मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल कोई पक्की दवा इलाज के लिए बनी नहीं है, लेकिन कुछ दवाएं असर कर रही हैं। एंटी एचआईवी दवाओं के कॉम्बिनेशन लोपिनाविर और रिटोनाविर को इससे पहले सुझाया गया था, जिन्हें अब हटा लिया गया है। इन्हें इलाज में उपयुक्त नहीं पाया गया।

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मंत्रालय ने कहा कि वे लोग जो गंभीर संक्रमण की चपेट में जा रहे हैं, उनमें संक्रमण की जल्द पहचान से सुरक्षित व बेहतर इलाज संभव हो सकता है। मंत्रालय के लिए अनुसार, उन्हें आईसीयू में एडमिट करने में भी इससे मदद मिलेगी। अब तक मरीजों के इलाज के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि ये दवाएं गंभीर मरीजों पर कारगर साबित नहीं हो रही थीं।

गाइडलाइन में कोरोना (Coronavirus) के मरीजों को संक्रमण की तीन श्रेणियों, गंभीर, मध्यम और मामूली संक्रमण में बांटते हुए इलाज का तरीका तय किया गया है। इसमें गंभीर हालत में संक्रमण की पहचान होने वाले मरीजों को आईसीयू प्रोटोकॉल के दायरे में लेकर इलाज करने को कहा गया है। दिशानिर्देश में स्पष्ट रूप से मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्सकों को मरीज के श्वसन तंत्र की निरंतर निगरानी करने को भी कहा गया है। साथ ही मरीज और उसके परिजनों को समय-समय पर वस्तुस्थिति की वास्तविक जानकारी से अवगत कराते रहने को कहा गया है।