क्या आयुर्वेद‚ क्या होम्योपैथ और क्या यूनानी सभी चिकित्सक कोरोना (Coronavirus) से मुकाबला करने के लिए अपने–अपने नुस्खों और तरीकों से व्यक्तियों का मनोबल बढ़ाने में जुटे हुए हैं। उन सभी का कहना है कि भले ही कोरोना (Coronavirus) की दवा किसी के पास नहीं हो‚ लेकिन स्नायु तंत्र को मजबूत बनाने और श्वसन तंत्र को बेहतर रखने की दवाएं लेने से संक्रमण का खतरा अवश्य कम किया जा सकता है।
आयुर्वेद के डॉक्टर तो यह सलाह भी दे रहे हैं कि जिन व्यक्तियों को क्वारंटाइन व आइसोलेशन में रखा जा रहा है उन पर आयुर्वेद की दवाओं का प्रयोग करके देखा जाए‚ क्योंकि व्यक्तियों को एलोपैथी की कोई दवा नहीं दी जा रही है।
प्रधानमंत्री की सलाह पर स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर काम कर रहा है कि आयुष के तंत्र की किस तरह से मदद ली जा सकती है। आयुर्वेद में स्नातक और 40 साल से असाध्य रोगों पर ही काम करने वाले दिल्ली के डॉ अरुण शर्मा सुबह खाली पेट सुदर्शन घनबटी (दो गोलियां) चबाने की सलाह दे रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि इसमें त्रिफला समेत 53 विशिष्ट औषधियां हैं‚ जिसमें चिरायता पाउडर की मात्रा आधी है‚ जो कफ बनाने से रोकती है और श्वसन तंत्र को दुरुस्त रखती है और तीव्र ज्वर भी नहीं होने देती।
वहीं केन्द्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) में यूनानी की सीएमओ डॉ सोफिया उत्साही भी कहती हैं कि यूनानी में बलगम और तेज ज्वर रोकने और श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने की अचूक दवाएं हैं।
कोरोना (Coronavirus) में भी इसी तरह के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देते हैं। वह नाक में सूंखने के लिए अर्क अजीब दवा सुझा रही हैं‚ जिसे रुमाल में लगाकर भी रखा जा सकता है। उन्होंने सुबह–शाम हिब्बेसिफा और हिब्बेबुखार की दो–दो गोलियां भी लेने और शर्बतेउन्नाव पीने की सलाह दी है। यूनानी के सभी डॉक्टर इन्हीं नुस्खों को आजमा रहे हैं।
35 साल पुराने होम्योपैथी विशेषज्ञ डॉ अखिलेश भारद्वाज कहते हैं कि आर्सेनिक एलबम–30 (खाली पेट सुबह तीन दिन) और इंफ्लेन्जम 200 (सिर्फ एक बार सोने के समय) दवा अब तक के नाक‚ मुंह से हुए सारे संक्रमणों में अचूक रही है। यही वजह है कि वह एहतियात के तौर पर सभी व्यक्तियों को लेने का मशविरा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना (Coronavirus) के जो लक्षण हैं‚ उनको रोकने में ये दवाएं सहायक साबित हो सकती हैं।
सीजीएचएस के सीएमओ डॉ विनोद कुमार यादव कहते हैं कि सबसे जरूरी है कि जो व्यक्ति हर तरह से स्वस्थ है‚ वह समय से अच्छा आहार और पूरी नींद लें और मानसिक तनाव से बचें‚ ताकि कोरोना (Coronavirus) जैसी बीमारी से लड़ने के लिए परिवार और समाज के काम आ सके।
उन्होंने कहा कि अगर खांसी‚ जुकाम‚ कफ या बलगम बनने की शिकायत घर में किसी भी व्यक्ति को हो तो सावधानी के तौर पर सभी सदस्य गर्म पानी पीएं और उसी से गरारे करें।
डॉ यादव ने कहा कि सरसों का तेल नाक‚ हाथ और मुंह पर भी लगा सकते हैं‚ जो संक्रमण से बचाने के काम आएगा। उनकी एक सलाह यह भी है कि जब तक कोरोना (Coronavirus) का खतरा है‚ अगर संभव हो तो लोग पूरे परिवार के साथ काली मिर्च‚ अदरक‚ तुलसी और गिलॉय का काढ़ा गुड़ मिलाकर भी सुबह–शाम पी सकते हैं।
उन्होंने बताया कि वह इन दिनों रोग–प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली त्रिभुवन‚ कीर्तिरस‚ लक्ष्मी विलासरस का सेवन व्यक्तियों को करा रहे हैं। डॉ यादव ने कहा कि अभी पेट संबंधी शिकायतें भी आ रही हैं इसलिए वे संजीवनीबटी भी व्यक्तियों को दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर घर में एक भी व्यक्ति खांसी‚ जुकाम या ज्वर से पीडित है तो सभी व्यक्ति इन दवाओं को सेवन करके अपने को इससे बचा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर इन उपायों से तीन से पांच दिन में व्यक्ति ठीक न हो‚ वह हर हाल में चिकित्सक के पास जाए। उन्होंने यह मशविरा भी दिया कि जिन व्यक्तियों को सावधानीवश आइसोलेशन में रखा जा रहा है‚ उन पर आयुर्वेदिक की दवाओं का प्रयोग किया जाएगा।
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