Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

पश्चिम देशों में दबदबा बनाने के लिए हिंद महासागर में घुसने की कोशिश कर रहा है चीन, भारतीय नौसेना हुई चौकन्नी

भारतीय नौसेना (Indian Navy) प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने बताया कि इसमें अचरज की बात नहीं है कि चीन हिंद महासागर इलाके में घुसने की कोशिश कर रहा है। क्योंकि उसके ऊर्जा स्रोत, बाजार और संसाधन पश्चिम में स्थित हैं।

जम्मू कश्मीर: पुलिस के हत्थे चढ़ा ISJK का एक और खूंखार आतंकी, घाटी में फैला रहा था दहशत, 10 दिन में मिली दूसरी बड़ी सफलता

रायसीना के अपने भाषण में एडमिरल सिंह ने ये भी बताया कि भारतीय नौसेना (Indian Navy) हिंद-प्रशांत की सुरक्षा व स्थायित्व में योगदान के लिए अपनी भूमिका के लिए तैयार है। एडमिरल ने संदर्भ में वैश्विक मंच पर विश्वास से भरे देश के रूप में भारत के उभरने का जिक्र किया।

अमेरिका की हिंद-प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल फिलिप स्कॉट डेविडसन के अनुसार, क्वाड देशों के इस समूह में सुरक्षा से अलग भी सहयोग की अपार संभावना है।

वहीं भारतीय एडमिरल सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में ज्यादातर देशों की व्यापक समृद्धि के लिए सहयोग व समन्वय की स्वभाविक इच्छा है। हिंद प्रशांत क्षेत्र मुद्दों पर आधारित सहयोग का प्रचुर अवसर देता है। सिंह ने आगे बताया कि, ‘सहयोग, जैसा कि आप जानते हैं, से आपसी सामंजस्य बढ़ता है।’

भारतीय नौसेना प्रमुख सिंह के अनुसार, हिंद-प्रशांत महासागर के इलाकों में सहयोग के मौके उन चुनौतियों पर भारी पड़ सकते हैं जिनका सामना किया जा रहा है। क्योंकि अकसर ‘महासागर जोड़ते हैं, बांटते नहीं हैं।’

हिंद महासागर में चीन की मौजूदगी का विस्तार करने के प्रयासों पर नौसेना प्रमुख ने बताया कि उसके ऊर्जा स्रोत, बाजार व संसाधन पश्चिम में स्थित हैं। ऐसे में ऐसी कोई अचरज की बात नहीं है कि चीन हिंद महासागर क्षेत्र में आ गया है। ऐसे में भारतीय नौसेना (Indian Navy) चीन की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है।

एडमिरल सिंह के अनुसार, ऐसा कोई मसला नहीं है जिसे नौसेना नहीं सुलझा सकती है। भारतीय नौसेना (Indian Navy) की क्वाड गठबंधन के सदस्य देशों की नौसेनाओं के साथ मजबूत साझेदार है। पिछले महीने भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के इस क्वाड गठबंधन के शीर्ष नेतृत्व ने ऐसे वक्त में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निश्चय किया था जब चीन इस क्षेत्र में अपना सैन्य दबदबा बढ़ाता जा रहा है।