भारतीय आजादी की 74वीं वर्षगांठ के मौके पर लालकिले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए जो हुंकार भरी उसकी गूंज पड़ोसी मुल्कों में भी सुनाई दे रही है। आलम ये है कि अब चीन, नेपाल और पाकिस्तान सभी के सुर भारत के प्रति बदल गये हैं।
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चीन (China) ने कहा है कि वह आपसी राजनीतिक भरोसा बढ़ाने‚ अपने मतभेदों को उचित तरीके से सुलझाने और द्विपक्षीय संबंधों की रक्षा के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने नियमित एक प्रेस ब्रिफिंग में ये बात कही है।
लालकिले से पीएम (Narendra Modi) ने भरी थी हुंकार
पश्चिमी मीडिया के एक पत्रकार ने प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) के उस बयान पर चीन की प्रतिक्रिया मांगी‚ जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय सैनिकों ने देश की संप्रभुता को चुनौती देने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया। मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि नियंत्रण रेखा (LoC) से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई उसे उसकी ही भाषा में जवाब दिया गया।
चीन (China) को याद आई शांति
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ ने कहा‚ हमने प्रधानमंत्री (Narendra Modi) के संबोधन का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा‚ हम करीबी पड़ोसी हैं‚ एक अरब से ज्यादा आबादी के साथ हम उभरते हुए देश हैं। इसलिए द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति न केवल दोनों देशों के लोगों के हित में है बल्कि यह क्षेत्र और समूचे विश्व की स्थिरता‚ शांति और समृद्धि के हित में भी है। दोनों पक्षों के लिए सही रास्ता एक–दूसरे का सम्मान और समर्थन करना है। क्योंकि यह हमारे लॉन्गटर्म रिलेशन के लिए जरूरी है।
चीनी प्रवक्ता ने कहा‚ इसलिए चीन आपसी राजनीतिक भरोसा बढ़ाने‚ मतभेदों को उचित तरीके से सुलझाने और व्यावहारिक सहयोग तथा दीर्घावधि में द्विपक्षीय संबंधों के हितों की रक्षा के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।
नेपाल (Nepal) के भी तेवर पड़े नरम
वहीं नेपाल के उच्च राजनयिकों ने डिजिटल बैठक कर भारत की मदद से नेपाल में चल रही विकास संबंधी विभिन्न परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को भारत के 74वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी थी‚ जिसके बाद यह बैठक हुई है। नेपाल के मई में नया राजनीतिक मानचित्र जारी करने से भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में तल्खी आने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली उच्च–स्तरीय वार्ता है।