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छत्तीसगढ़: नक्सलियों को उखाड़ फेंकने के लिए बनी जबरदस्त रणनीति, इन तीन जिलों में एक्शन के लिए फोर्स तैयार

सांकेतिक तस्वीर।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलियों (Naxals) की कमर तोड़ने की पूरी तैयारी हो चुकी है। कोरोना काल में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ फोर्स ने आपरेशन बंद नहीं किया है। सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में अगले तीन महीनों के लिए नक्सलियों के खिलाफ जबदस्त प्लानिंग की गई है।

दरअसल, नक्सल प्रभावित सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में अगले तीन महीने नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ फोर्स का विशेष ऑपरेशन चलाया जाएगा। इस ऑपरेशन की मॉनिटरिंग केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) कर रहा है। पुलिस मुख्यालय के सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार का फोकस इन तीन जिलों को नक्सल मुक्त करने पर है।

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इसके लिए सीआरपीएफ (CRPF), आइटीबीपी (ITBP), बीएसएफ (BSF) के आला अधिकारियों के साथ डीजीपी की बैठक हो चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिले निर्देश और केंद्रीय खुफिया विभाग से मिली जानकारी के आधार पर ऑपरेशन प्लान किया जा रहा है। इस ऑपरेशन में ड्रोन कैमरे से लेकर अन्य आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा।

डीजीपी डीएम अवस्थी के अनुसार, सेंट्रल फोर्स और छत्तीगसढ़ पुलिस के बीच बेहतर तालमेल हैं। तीन जिलों का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है। सबसे ज्यादा फोकस सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा पर है। बस्तर में अभी नदियां उफान पर हैं, इसलिए अंदरुनी इलाकों में फोर्स का मूवमेंट कम है। लेकिन अब बारिश खत्म होने की कगार पर है। ऐसे में सितंबर के आखिरी सप्ताह के बाद इंटेलिजेंस बेस्ड आपरेशन किए जाएंगे।

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एंटी नक्सल ऑपरेशन (Anti Naxal Operation) के आला अधिकारियों ने बताया कि अगस्त तक अलग-अलग अभियानों में 32 नक्सलियों (Naxals) को मारने में सफलता मिली है। जबकि साल 2019 में फोर्स ने 73 नक्सलियों को मार गिराया था। एंटी नक्सल आपरेशन के अधिकारियों ने बताया कि हर महीने छोटे-छोटे करीब 100 आपरेशन किए जा रहे हैं। इसमें लैंडमाइंस के साथ नक्सलियों के हथियार भी जब्त किए जा रहे हैं।

इस ऑपरेशन की रणनीति के तहत पहले नक्सलियों (Naxalites) के प्रभाव वाले इलाके में सप्लाई चेन को तोड़ा जाएगा। इसके लिए लोकल इंटेलिजेंस की मदद ली जा रही है, जो नक्सली मददगार की जानकारी दे रहे हैं। बारिश के बाद नक्सलियों को राशन, दवाई और अन्य सामान पहुंचाने वालों के बड़े नेटवर्क पर अटैक की तैयारी है।

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यह नेटवर्क बस्तर से लेकर रायपुर तक फैला है। इसके साथ ही ड्रोन कैमरे से बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा के आपरेशन की मानिटरिंग होगी। इसमें नक्सलियों (Naxals) के जमावड़े की सूचना के साथ ही मूवमेंट के बारे में जानकारी दी जाएगी।