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छत्तीसगढ़: 5 हार्डकोर नक्सलियों ने डाले हथियार, खोखली विचारधारा के चलते हुआ मोहभंग

नक्सल संगठन की खोखली विचारधारा और हिंसा से तंग आकर छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में पांच इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

नक्सल संगठनों की खोखली विचारधारा और हिंसा से तंग आकर छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में पांच इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। दंतेवाड़ा पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के सामने 30 अगस्त को कुहरामी मंगल, जयराम मंडावी, नरेश नेताम, शांति इस्ता और महरूरीम बंजाम ने आत्मसमर्पण कर दिया। इन नक्सलियों में से कुहरामी और महरूराम पर दो-दो लाख रूपए और बाकी के तीन नक्सलियों पर एक-एक लाख रूपए का इनाम था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, कुहरामी मंगल साल 2009 में नक्सल संगठन में शामिल हुआ था।

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उसने साल 2010 से 2016 तक मिलिट्री प्लाटून नंबर 24 के कमांडर खूंखार नक्सली देवा के साथ काम किया। वह 2013 में श्यामगिरि पहाड़ी में पुलिस की टीम पर हमला करने में शामिल था। इस हमले में पुलिस के 5 जवान शहीद हुए थे। उसके बाद साल 2016 में उसे नक्सली नेताओं द्वारा नीलावाया जनमिलिशिया कमांडर बनाकर संगठन के मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान कुहरामी मंगल नीलावाया गांव के पटेलपारा के पास हुई पुलिस के जवानों पर हमले की घटना में भी शामिल था। इस हमले में 3 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे और एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।

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पुलिस के मुताबिक, नक्सली जयराम मंडावी साल 2016 में जनमिलिशिया सदस्य के रूप में संगठन में भर्ती हुआ था। वह साल 2017 में भटवेड़ा में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में शामिल था। इस मुठभेड़ में 9 नक्सली मारे गए थे और पुलिस के 3 जवान भी शहीद हुए थे। वहीं नक्सली महरूराम बंजाम नक्सलियों की मेडिकल टीम का प्रभारी था। आत्मसमर्पण करने वाले अन्य दो नक्सली नरेश नेताम और महिला नक्सली शांति इस्ता नक्सलियों के चेतना नाट्य मंच के अध्यक्ष हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वाले पांचों नक्सलियों को 10-10 हजार रूपए रकी प्रोत्साहन राशि दी गई है। साथ ही इन्हें सरकार की पुनर्वास नीति का भी लाभ दिया जाएगा।

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