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नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस चिपका रही खास पोस्टर, सूचना तंत्र को मिलेगी मजबूती

'सूचना दो इनाम पाओ'... यह नाम है एक अभियान का जिसके जरिए पुलिस नक्सलियों पर नकेल कस रही है।

‘सूचना दो इनाम पाओ’… यह नाम है एक अभियान का जिसके जरिए पुलिस नक्सलियों पर नकेल कस रही है। दरअसल, नक्सल प्रभावित इलाकों में अपने सूचना तंत्र को मजबूत करने और नक्सलियों की हर गतिविधि का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पुलिस ने यह अभियान छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में चला रखा है। इस अभियान से पुलिस को अपने मुखबिरों से बड़ी सफलता भी मिली है। सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि इस अभियान के तहत पुलिस कैसे नक्सली चुनौतियों से निपट रही है।

क्या है ‘सूचना दो इनाम पाओ’?

– इस अभियान के तहत सार्वजनिक स्थानों पर बड़े-बड़े पोस्टर लगाए जाते हैं।
– इन पोस्टरों में नक्सलियों की तस्वीर होती है ताकि लोग उन्हें देख कर आसानी से पहचान सकें।
– पोस्टर में पुलिस वालों के मोबाइल नंबर भी दिए जाते हैं ताकि कोई भी शख्स पुलिस को नक्सलियों के बारे में सूचना आसानी से दे सके।
– नक्सलियों की सूचना देने वालों को इनाम भी दिया जाता है।
– इसके अलावा सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है।
– खास बात यह भी है कि इस पोस्टर में समर्पण करने पर नक्सलियों को सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं का ब्योरा भी है।

पोस्टर के अलावा भी कई अन्य तरीकों से पुलिस इस वक्त नक्सलियों से निपटने में लगी हुई है।

– सुकमा जैसे नक्सली प्रभावित इलाकों में पुलिस मोटरसाइकिल से गश्त कर रही है।
– ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के लिए चलित थाना ‘अंजोर रथ’ चलाया जा रहा है।
– नक्सली प्रभावित इलाकों में शॉर्ट फिल्म दिखाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
– कई जगहों पर नक्सलियों के स्मारकों को तोड़ा भी जा रहा है।

पुलिस नक्सल प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों से नजदीकियां बढ़ा उनके अंदर बैठे डर को खत्म करने की कोशिश में लगी है। इस बार पुलिस पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए पोस्टर किसी के घर या छत पर लगाने से परहेज कर रही है क्योंकि नक्सली उन लेागों को परेशान करते थे, जिनके मकान पर पोस्टर लगाए जाते थे। इसलिए इस बार सतर्कता बरतते हुए पोस्टर सरकारी भवनों व पेड़ पर लगाए जा रहे हैं। नक्सलियों की गतिविधियों को कमजोर करने के लिए पुलिस की कोशिश है कि मुखबिर तंत्र को मजबूत बनाया जाए। जब भी जिस क्षेत्र में पुलिस का मुखबिर तंत्र मजबूत रहा, वहां आपराधिक गतिविधियां कम हुईं हैं।

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