बिहार (Bihar) में अब 10 जिले ही नक्सल प्रभावित (Naxal Affected) रह गए हैं। बिहार के नक्सल प्रभावित जिलों में लखीसराय (Lakhisarai) का नाम भी है।
बीते कुछ सालों में सुरक्षाबलों ने कई राज्यों में नक्सली गतिविधियों (Naxal Activities) पर लगाम लगाने में कामयाबी हासिल की है। बिहार (Bihar) में भी सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों (Anti Naxal operations) का असर देखने को मिला है। जून में गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने प्रदेश के नक्सल प्रभावित 16 जिलों में से 6 को रेड कॉरिडोर से बाहर निकालने की घोषणा की थी।
इसके बाद बिहार में अब 10 जिले ही नक्सल प्रभावित (Naxal Affected) रह गए हैं। बिहार के नक्सल प्रभावित जिलों में लखीसराय (Lakhisarai) का नाम भी है। हालांकि, यहां पर बीत कई महीनों से कोई नक्सली घटना (Naxal Incident) नहीं हुई है। फिर भी गृह मंत्रालय ने लखीसराय को रेड लिस्ट से बाहर नहीं निकाला है।
एक बार कश्मीर घाटी की ओर फिर रुख कर रहा बॉलीवुड, जम्मू-कश्मीर की पहली फिल्म नीति का ऐलान हुआ
जिले के एसपी सुशील कुमार के मुताबिक, यह सही फैसला है। उनका कहना है कि नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से जिला को हटाने स नक्सलियों पर किया जा रहा फोकस हट जाएगा। इससे नक्सली इलाके में फिर से खुद को मजबूत कर सकते हैं और इस तरह सालों से किए जा रहे प्रयास को झटका लगेगा।
लखीसराय (Lakhisarai) के SP सुशील कुमार के आने के बाद जिले में नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण पाने में सफलता मिली है। जिले में नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी तरीके से नकेल कसी गई है। एसपी सुशील कुमार इसके पीछे सुरक्षाबलों और खुफिया तंत्र के बीच प्रभावी को-ऑर्डिनेशन को क्रेडिट देते हैं।
ये भी देखें-
वह कहते हैं कि विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही आईबी जैसी खुफिया एजेंसी से भी इनपुट मिलता है, जिसके आधार पर नक्सल विरोधी बड़े अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जाता है। पिछले कुछ सालों में सुरक्षाबलों द्वारा की गई मेहनत अब रंग लाने लगी है। एसपी सुशील कुमार कहते हैं कि साल 2021 में जिले में नक्सली हिंसा की कोई घटना सामने नहीं आई।