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पाकिस्तान में पलने वाले कई संगठनों के 20 से अधिक सदस्य वैश्विक आंतकी घोषित, अमेरिका के कदम से भारत के दावों को मिली मजबूती

अमेरिका ने TTP सरगना नूर वली महसूद को आतंकवादी घोषित किया

अमेरिका ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Tehrik-e-Taliban Pakistan) के नेता नूर वली (Noor Wali) को वैश्विक आतंकी घोषित किया है। नूर वली, मुफ्ती नूर वली मसूद के नाम से भी चर्चित है। इसके अतिरिक्त 11 आतंकवादी संगठनों के 20 से अधिक सदस्यों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन संगठनों में ईरान के कुर्द बल, हमास, आईएसआईएस, अल-कायदा और उनसे जुड़े समूह शामिल हैं।

अमेरिका तहरीक-ए-तालिबान (TTP) को पहले ही वैश्विक आतंकवादी समूह (Specially Designated Global Terrorist, SDGT) के रूप में नामित कर चुका है। टीटीपी नेता मुल्ला फजलुल्लाह की मौत के बाद नूर वली के नाम से पहचाने जाने वाले मुफ्ती नूर वली महसूद को पार्टी का नया नेता घोषित किया गया था। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि नूर वली के नेतृत्व में टीटीपी ने कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है। ये सभी हमले आतंकी संगठन ने पाकिस्तान में अलग-अलग जगहों पर किए हैं। अमेरिका ने कहा कि टीटीपी एक आतंकी संगठन है जो अल-कायदा के साथ मिलकर काम करता है।

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अल-कायदा को आर्थिक मदद देने के साथ-साथ आतंकियों की भर्ती में भी टीटीपी मदद करता है। अभी हाल ही में भारत ने नए आतंकवाद निरोधक कानून (UAPA) के तहत जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद, जकी-उर-रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम को आतंकवादी घोषित कर दिया था। गौरतलब है कि पाकिस्तान लगातार वैश्विक मंचों पर आतंकी संगठनों को बढ़ावा देने की बात से पल्ला झाड़ता आ रहा है लेकिन पाकिस्तान की पोल सबके सामने खुल रही है।

आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान लड़ाई लड़ने का दिखावा तो करता है लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाता है। इसी वजह से पाकिस्तान के सामने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में ना आ जाने का डर है। पाकिस्तान ने FATF के द्वारा पूछे गए 125 सवालों का डिटेल में जवाब दिया है। अब पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में जाएगा या नहीं, इसपर आखिरी फैसला 16 से 18 अक्टूबर के बीच आएगा।

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आपको बता दें कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसे फ्रांस की राजधानी पेरिस में जी7 समूह के देशों द्वारा 1989 में स्थापित किया गया था। इसका काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग), सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और आतंकवाद के वित्तपोषण पर निगाह रखना है। इसके अलावा एफएटीएफ वित्त विषय पर कानूनी, विनियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा भी देता है। एफएटीएफ का निर्णय लेने वाला निकाय को एफएटीएफ प्लेनरी कहा जाता है। इसकी बैठक एक साल में तीन बार आयोजित की जाती है। भारत, 2010 में एफएटीएफ का सदस्य बन गया था।

वर्तमान में एफएटीएफ के कुल 39 सदस्य हैं। जिसमें 37 सदस्य देश और 2 क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं, जो दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में सबसे प्रमुख वित्तीय केंद्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान इस संगठन का सद्स्य नहीं है। पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में डाला था। अक्टूबर 2018 और फरवरी 2019 में हुए रिव्यू में भी पाक को राहत नहीं मिली थी। पाक एफएटीएफ की सिफारिशों पर काम करने में विफल रहा। एफएटीएफ ने पाया कि पाकिस्तान ने धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) और आतंकवाद के वित्त पोषण संबंधी 40 अनुपालन मानकों में से 32 का पालन नहीं किया।

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