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F-16 विमानों का इस्तेमाल कर बुरा फंसा पाकिस्तान, गिर सकती है अमेरिका की गाज

F-16 का इस्तेमाल करने के चलते बढ़ सकती हैं पाकिस्तान की मुश्किलें।

पुलवामा आंतकी हमले के बाद 26 फरवरी को पाकिस्तान के आंतकवादी ठिकानों को इंडियन एयर फोर्स ने ध्वस्त कर दिया था। जिसके बाद भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए पाकिस्तान ने अमेरिका से लिए हुए F-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था। अमेरिका ने पाकिस्तान को F-16 लड़ाकू विमान आतंकविरोधी अभियानों के लिए दिया था। भारत के खिलाफ एफ-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान बुरा फंसता दिख रहा है।

पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा में हमले के लिए F-16 विमान का इस्तेमाल किया गया है। पाकिस्तान को F-16 विमान देने वाले अमेरिका ने अब इसका भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने पर जांच शुरू कर दी है। F16 लड़ाकू जेट के दुरुपयोग को लेकर अमेरिका ने इसके लिए पाकिस्तान सरकार से जवाब मांगा है। अमेरिका का कहना है कि पाकिस्तानी सेना ने शर्तों का उल्लंघन किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका इस बात की जांच कर रहा है कि पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों पर कार्रवाई के लिए उसके दिए लड़ाकू विमानों और मिसाइलों का प्रयोग तो नहीं किया है।

अमेरिका की ओर से दबाव बढ़ने के बाद पाकिस्तान भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले में F-16 के इस्तेमाल से इनकार कर रहा है। हालांकि, भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों ने इस हमले में F-16 के इस्तेमाल के सबूत पेश किए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी अधिकारी भारतीय सेना के अधिकारियों की ओर से पेश किए गए सबूतों और रिपोर्ट्स का अध्ययन कर रहे हैं।

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान द्वारा F-16 गलत इस्तेमाल संबंधी रिपोर्टों पर अमेरिका और जानकारियां जुटा रहा है। पाकिस्तान द्वारा भारत के साथ सीमा संघर्ष में अमेरिका के साथ हुए ‘एंड-यूजर’ समझौते का उल्लंघन किये जाने संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम इन रिपोर्ट्स से अवगत हैं और जानकारियां जुटा रहे हैं। रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल कोन फॉकनर ने कहा कि विदेशी सैन्य बिक्री अनुबंधों में गोपनीय-समझौते के कारण हम उसके बारे में नहीं बता सकते। अमेरिका अत्याधुनिक रक्षा साजो-सामान बेचने वाला विश्व का सबसे बड़ा देश है और इसके पास मजबूत ‘एंड-यूजर’ निगरानी समझौता है। जो रक्षा-सौदे के दुरुपयोग के किसी भी आरोप को बेहद गंभीरता से लेता है।

पेंटागन की डिफेंस सिक्योरिटी एंड कॉरपोरेशन एजेंसी (डीएससीए) के अनुसार F-16 विमान आतंकवाद निरोधक अभियानों में पाकिस्तान की क्षमता को बढ़ाने के लिए हैं। सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार अमेरिका ने पाकिस्तान पर F-16 के इस्तेमाल को लेकर लगभग 12 पाबंदियां लगाईं हैं। भारतीय वायुसेना ने बृहस्पतिवार को एएमआरएएएम के कुछ टुकड़े यह साबित करने के लिए साक्ष्य के तौर पर दिखाए थे कि पाकिस्तान ने अमेरिका निर्मित एफ-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कश्मीर में भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर हवाई हमले के लिए किया था। दरअसल पाकिस्तान ने बुधवार को दावा किया था कि किसी F-16 लड़ाकू विमान का इस्तेमाल नहीं किया गया और उसने साथ ही इस बात से भी इनकार किया था कि भारतीय वायुसेना ने उसके एक विमान को मार गिराया है।

80 के दशक में अमेरिका ने F-16 विमानों को पाकिस्तान को दिया था। शर्तों के मुताबिक बिना अमेरिका की अनुमति के पाकिस्तान F-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल सैन्य कार्रवाई में नहीं कर सकता। इसका इस्तेमाल आत्मरक्षा में किया जा सकता है, पर हमले के लिए नहीं। F-16 अमेरिका में बना लड़ाकू विमान है और इसमें लगने वाली एमरॉम मिसाइल भी अमेरिका में ही बनती है। अपने इस विमान के इस्तेमाल के लिए अमेरिका की शर्तें होती हैं। नियमों का उल्लंघन होने पर अमेरिका पाकिस्तान के खिलाफ कार्यवाही भी कर सकता है। इसकी वजह से ही पाकिस्तान काफी सहमा हुआ है। 28 फरवरी को जो सुबूत भारत की तरफ से पेश किए गए हैं वह इस बात को पुख्ता कर रहे हैं कि यह विमान F-16 थे।

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गौरतलब है कि बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने बुधवार को अपने विमानों से भारतीय हवाई क्षेत्र का न सिर्फ उल्लंघन किया बल्कि इन विमानों का मकसद भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना था। लेकिन समय रहते भारतीय विमानों ने उनका पीछा किया और तीन में से एक विमान को मार गिराया। भारत इस विमान को F-16 बता रहा है जबकि पाकिस्तान इससे इंकार कर रहा है।