आगरा जिले के तहत खंदौली थाना क्षेत्र में दो भाइयों के बीच हुए भूमि विवाद को सुलझाने पहुंची पुलिस पर जानलेवा हमला हो गया। जिसमें आरोपी ने दरोगा प्रशांत यादव (Prashant Yadav) की तमंचा से गोली मारकर हत्या कर दी। शहीद दारोगा वर्ष 2015 बैच में नियुक्त हुए थे। दरोगा मुल रूप से बुलंदशहर के गांव छतारी के निवासी थे। उनके घर पर सूचना पहुंचते ही कोहराम मच गया।
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खंदौली थाने में नोहर्रा गांव में भूमि को लेकर दो सगे भाइयों में विवाद हो गया था। पांच महीने से तैनात दरोगा प्रशांत यादव (Prashant Yadav) दोनों के बीच विवाद की सूचना पर थाने के एक सिपाही के साथ मौके पर पहुंच गए और दोनों के बीच हुए विवाद को सुलझाने का प्रयास करने लगे।
इस दौरान आरोपी विश्वनाथ ने दरोगा से बदसलूकी की। इसी को लेकर दरोगा आरोपी विश्वनाथ को हिरासत में लेकर थाने ले जाने लगे‚ लेकिन विश्वनाथ ने तमंचा निकाल कर दरोगा प्रशांत यादव (Prashant Yadav) को गोली मार दी। दरोगा के साथ मौजूद सिपाही ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी।
खंदौली थाने के दरोगा की हत्या की सूचना मिलते ही एडीजी जोन राजीव कृष्ण‚ एड़ीजी/आईजी रेंज ए. सतीश गणेश‚ एसएसपी बबलू कुमार सहित कई पुलिस अधिकारी फोर्स के साथ पहुंच गए और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा की घटना में सब इंस्पेक्टर प्रशांत यादव (Prashant Yadav) की शहादत पर गहरा दुःख जाहिर किया है। उन्होंने घटना में शहीद हुए सब इंस्पेक्टर के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। उन्होंने शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और जनपद की एक सड़क का नामकरण शहीद के नाम पर करने की भी घोषणा की है।