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ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के बाद अब मंडराने लगा Yellow Fungus का खतरा, सामने आया पहला केस

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येलो फंगस (Yellow Fungus) बाकी दोनों यानी कि ब्‍लैक (Black Fungus) और व्‍हाइट फंगस (White Fungus) से ज्‍यादा खतरनाक है क्‍योंकि यह घातक बीमारी शरीर के अंदर शुरू होती है और काफी बाद में इसके लक्षण बाहर दिखाई देते हैं।

ब्लैक फंगस (Black Fungus) और व्हाइट फंगस (White Fungus) के बाद अब येलो फंगस (Yellow Fungus) का खतरा मंडराने लगा है। साल 2020 से देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से हाहाकार मचा हुआ है। उसके बाद ब्लैक फंगस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। कई राज्यों ने तो ब्लैक फंगस को महामारी भी घोषित कर दिया।

इतना ही नहीं, ब्लैक फंगस के बाद व्हाइट फंगस का भी पता चला। इसके कई मामाले सामने आए। इस बीच अब अचानक येलो फंगस का मामला सामने आया है। हाल ही में यूपी के गाजियाबाद में येलो फंगस वाला मरीज मिला है जिसकी उम्र 45 साल है। यह मरीज वह कुछ दिनों पहले ही Corona से ठीक हुआ है। मरीज डायबटिक भी है।

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यह मरीज गाजियाबाद के ईएनटी सर्जन को दिखाने पहुंचा था। डॉक्टर ने जांच के दौरान पाया कि उसे यलो फंगस है। कहा जा रहा है कि यह येलो फंगस बाकी दोनों यानी कि ब्‍लैक और व्‍हाइट फंगस से ज्‍यादा खतरनाक है क्‍योंकि यह घातक बीमारी शरीर के अंदर शुरू होती है और काफी बाद में इसके लक्षण बाहर दिखाई देते हैं।

बाकी दोनों फंगस की तरह येलो फंगस (Yellow Fungus) का संक्रमण होने के पीछे का कारण भी गंदगी और नमी ही है। इसलिए जरूरी है कि अपने घर के अंदर और आस-पास सफाई रखें। बैक्टीरिया और फंगस को विकसित होने से रोकने के लिए जितनी जल्दी हो सके पुराने खाद्य पदार्थों को हटा दें। इसके अलावा घर में नमी का होना भी बैक्टीरिया और फंगस को बढ़ाता है।

Yellow Fungus के लक्षण

येलो फंगस के मरीज को सुस्ती, भूख कम होना या बिल्कुल भूख न लगने जैसे शुरुआती लक्षण आते हैं। साथ ही मरीज का वजन भी कम होने लगता है। वहीं गंभीर मामलों में मवाद आने, घावों के धीमी गति से ठीक होने, कुपोषण, अंगों का काम करना बंद करने जैसे स्थिति पैदा हो जाती है। इसके मरीज की आंखें भी अंदर धंस जाती हैं।