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3 साल पहले पिता आतंकी हमले में शहीद हुए तो बेटा बन गया सेना में अधिकारी, ऐसे मिली प्रेरणा

अंकुश चौधरी

पूरे 3 साल बाद वही अंकुश चौधरी(Ankush Choudhary) सेना में अधिकारी बन गए हैं। इस समय वह सेना में लेफ्टिनेंट हैं। लेफ्टिनेंट अंकुश ने साल 2020 में सेना में अधिकारी बनकर अपने पिता का नाम रोशन किया है।

नई दिल्ली: कहते हैं कि सेना के जवान तो देश के लिए बलिदान देते ही हैं, साथ ही उनके परिजन भी देश के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए तत्पर रहते हैं।

ताजा मामला ये है कि जिस शख्स के पिता 3 साल पहले आतंकी हमले में शहीद हो गए थे, आज वही शख्स सेना में अधिकारी बनकर देश की सेवा कर रहा है। पिता की शहादत ने बेटे को सेना अधिकारी बनने और देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया है।

जम्‍मू के सुंजवान आर्मी कैंप पर जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकियों ने 10 फरवरी 2018 को हमला किया था। इस हमले में 6 सैनिक शहीद हुए थे और 3 आतंकी मारे गए थे। इन्हीं 6 शहीदों में से एक थे मानद लेफ्टिनेंट मदन लाल चौधरी।

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11 फरवरी को लेफ्टिनेंट मदन लाल चौधरी का अंतिम संस्‍कार हुआ था। इस दौरान एक फोटो बहुत वायरल हुई थी, जिसमें उनका बेटा अंकुश चौधरी (Ankush Choudhary) शहीद पिता को सैल्‍यूट कर रहा था।

पूरे 3 साल बाद वही अंकुश चौधरी(Ankush Choudhary) सेना में अधिकारी बन गए हैं। इस समय वह सेना में लेफ्टिनेंट हैं। लेफ्टिनेंट अंकुश ने साल 2020 में सेना में अधिकारी बनकर अपने पिता का नाम रोशन किया है।

जिस समय अंकुश के पिता शहीद हुए थे, उस समय वह सिंकदराबाद स्थित मिलिट्री कॉलेज ऑफ इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग (एमसीईएमई) में ट्रेनिंग ले रहे थे। लेकिन कमीशन के बाद उन्होंने उस यूनिट को चुना, जिसमें उनके पिता तैनात थे।

पिता की शहादत ने अंकुश को सेना में जाने के लिए प्रेरित किया। जब पिता शहीद हुए थे तो अंकुश की उम्र 19 साल थी लेकिन आज उन्होंने खुद को हर चुनौती से लड़ने के लिए मजबूत बना लिया है।