Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हुआ भोजपुर का बेटा गोवर्धन पासवान

झारखंड के सरायकेला में 14 जून को नक्सली हमले में बिहार के भोजपुर जिले के वीर सपूत गोवर्धन पासवान भी शहीद हो गए थे। वे धोबहां ओपी के बाघी पाकड़ गांव के रहने वाले थे। शहीद गोवर्धन झारखंड पुलिस में एएसआई के पद पर कार्यरत थे। उनकी शहादत की खबर मिलते ही उनके गांव में सन्नाटा पसर गया। शहीद के घर में भी कोहराम मच गए। गोवर्धन की शहादत की खबर मिलते ही उनके घर पर लोग उनके घर पहुंचने लगे। नक्सली हमले में गोवर्धन पासवान के शहीद होने की खबर मिलते ही उनकी पत्नी निर्मला देवी दहाड़ें मार कर रोने लगीं। वह बार-बार बेहोश हो रही थीं।

घर के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था। अपने गांव के लाल का अंतिम दर्शन करने के लिए 15 जून की सुबह से लोग टकटकी लगाए बैठे थे। गौरतलब है कि सरायकेला-खरसावां जिले के तिरुलडीह थाना क्षेत्र के कुकडू हाट में 14 की शाम नक्सलियों ने पुलिस के गश्ती दल पर हमला कर दिया था। घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने पांच पुलिसकर्मियों को घेर कर गोलियों से भून दिया। उसके बाद सभी की गला रेत बेरहमी से हत्या कर दी। इन शहीदों में भोजपुर के गोवर्धन पासवान भी शामिल थे।

हमले के बाद नक्सली सभी पुलिस कर्मियों के हथियार भी ले भागे थे। शहीद गोवर्धन के पिता का नाम मोती लाल पासवान है। गोवर्धन ने साल 1998 में पुलिस ज्वॉइन किया था। उनकी पहली पोस्टिंग झारखंड के कोडरमा में हुई थी। काफी लंबा समय झारखंड पुलिस सेवा में देने के उपरांत उनका एएसआई में प्रमोशन हुआ था। शहीद गोवर्धन पासवान के दो बेटे सुमित और मनजीत तथा दो बेटियां मिकी और शीला हैं। जिनमें से बड़ी बेटी मिकी की शादी तो हो चुकी है। पर, एक बेटी की शादी करनी बाकी है।

भाई की मौत का खबर सुन कर बदहवास हुई बहन बबिता ने बताया कि भाई गोवर्धन से 14 जून की दोपहर को फोन से उनकी बात हुई थी। भाई ने अपनी छोटी बेटी की शादी के बारे में बहन से बात किया था और बताया था कि जल्द ही उसकी शादी तय कर दी जाएगी। उसी दिन दोपहर के लगभग 2 बजे पत्नी से भी उन्होंने आखिरी दफा बात की थी। शहीद गोवर्धन पासवान अभी 2 जून को ही अपने भतीजे के रिसेप्शन में शामिल होने के लिए आए हुए थे। 12 जून को वह वापस ड्यूटी पर झारखंड चले गए थे। शहीद गोवर्धन पासवान बहुत ही मिलनसार स्वभाव के थे।

पढ़ें: वह पत्रकार जो आधी सैलरी पर करना चाहता था पूरा काम