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Republic Day 2020: सीने और गर्दन में लगीं कई गोलियां, फिर भी लड़ता रहा यह जांबाज, वतन की हिफाजत के लिए दिया सर्वोत्तम बलिदान

भारत मां के वीर सपूतों ने वक्त आने पर अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा की है। उनका सर्वोच्च बलिदान अतुलनीय है। उनके बलिदान को सरकार हर साल सम्मान देती है। इस बार भी 71वें गणतंत्र दिवस (Republic Day 2020) के मौके पर 25 जनवरी को वीरता पुरस्कारों का ऐलान किया गया। सेना के 6 जवानों सहित 9 को शौर्य चक्र (Shourya Chakra) से नवाजा गया है।

सेना के 6 जवानों को शौर्य चक्र से नवाजा गया है।

Republic Day 2020: भारत मां के वीर सपूतों ने वक्त आने पर अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा की है। उनका सर्वोच्च बलिदान अतुलनीय है। उनके बलिदान को सरकार हर साल सम्मान देती है। इस बार भी 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर 25 जनवरी को वीरता पुरस्कारों का ऐलान किया गया। सेना के 6 जवानों सहित 9 को शौर्य चक्र (Shourya Chakra) से नवाजा गया है। सेना के जिन 6 जांबाजों को शौर्य चक्र (Shourya Chakra) मिला है, आइए जानते हैं उनकी जांबाजी की कहानी-

1- लेफ्टिनेंट कर्नल ज्योति लामा: 11 गोरखा राइफल्स के इस अफसर ने मणिपुर में 14 आतंकियों को पकड़ा था। पिछले साल 23 जुलाई को उन्हें दो आतंकियों के एक गांव में छुपे होने की जानकारी मिली थी। खुफिया जानकारी के आधार पर वे अपनी टीम के साथ उन्हें पकड़ने पहुंचे। दोनों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी गोलीबारी में उन्होंने दोनों को मार डाला।

2- नायब सूबेदार सोमबीर सिंह: राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात सोमबीर सिंह 22 फरवरी 2019 को तीन आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे। एक अभियान के दौरान आतंकियों की फायरिंग में साथी जवान को फंसा देख, वे आगे आए और मोर्चा लेते हुए उसे ढेर कर दिया। इस दौरान उनकी छाती और गर्दन में कई गोलियां लगीं, जिसके कारण वे शहीद हो गए।

3- मेजर कॉनजेंगबम बिजेंद्र सिंह: असम राइफल्स में तैनाती के दौरान मेजर कॉनजेंगबम बिजेंद्र सिंह ने कई आतंकी अभियानों में हिस्सा लिया। लेकिन पिछले साल 22 मार्च को उन्होंने अपने साथियों की आतंकी हमले में जान बचाई, बल्कि इस दौरान दो को खत्म भी किया।

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4- नायब सूबेदार नरेंदर सिंह: स्पेशल फोर्सेस के इस जवान की तैनाती जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर थी। उन्हें 3 जुलाई, 2019 को एलओसी पर आतंकियों की हलचल दिखी। बिना वक्त गंवाए वे हरकत में आए और आतंकियों को घेर लिया। दोनों तरफ से गोलीबारी हुई। इसमें पैराशूट रेजिमेंट के नरेंदर ने दो आतंकियों को मार डाला।

5- नायक नरेश कुमार: उन्होंने राष्ट्रीय राइफल्स में तैनाती के दौरान पिछले साल 23-24 मई की रात को एक आतंकी अभियान में हिस्सा लिया। सर्च ऑपरेशन में आतंकी के एक घर में छुपे होने की जानकारी मिली। वह सीढ़ी पर छुपकर बैठा था। ऐसे में उसे पकड़ने में मुश्किल आ रही थी। तभी नरेश कुमार रेंगकर उस तक पहुंचे और एक ही गोली में उसे खत्म कर दिया।

6- सिपाही कर्मदेव ओरांव: बिहार रेजिमेंट का यह सिपाही एलओसी पर तैनात था। 29 दिसंबर 2018 की दोपहर पाकिस्तानी चौकी से भारी गोलीबारी शुरू हो गई। इसी दौरान कर्मदेव ने 4 आतंकियों को अपनी पोस्ट की तरफ आते देखा। अपनी जान की परवाह न करते हुए उन्होंने आतंकियों पर 9 हथगोले फेंके। इससे दो आतंकी ढेर हो गए।

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