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तीन महीने की बच्ची पीछे छोड़ गए शहीद विकास सिंह, लौटने का वादा अधूरा रह गया

जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में 14 अप्रैल को सर्च ऑपरेशन के दौरान मेजर विकास सिंह शहीद हो गए। मेजर विकास अंबुश लगाते समय खाई में गिर गए थे। इसकी सूचना सेना के अधिकारियों ने उनकी पत्नी आंचल सिंह को दी। आंचल उस वक्त मायके में थीं। मेजर विकास सिंह के शहीद होने की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया।

शहीद विकास सिंह सुहवल थाना क्षेत्र के ताड़ीघाट के रहने वाले थे। वे 2010 में 50वीं राष्ट्रीय राइफल्स में लेफ्टिनेंट के पद पर पोस्टेड हुए थे। वर्तमान में वे जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में बतौर मेजर तैनात थे। 14 अप्रैल को वे आतंकियों की घुसपैठ की सूचना पर एक सर्च अभियान पर थे। इसी बीच अंबुश लगाते हुए वे फिसलकर गिर गए। उन्हें तुरंत सेना के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके।

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शहीद मेजर विकास सिंह हाल ही में लगभग 25 दिन की छुट्टी बिताकर 4 मार्च को ड्यूटी पर लौटे थे। वे मां से कह कर गए थे कि जल्द ही आऊंगा और वाराणसी के महमूरगंज में बने नए घर में गृह-प्रवेश कराऊंगा। पर ये वादा अधूरा ही रह गया। उनकी शहादत की सूचना मिलने के बाद से ही मां और पत्नी बेसुध हैं।

शहीद विकास के पिता जितेंद्र सिंह की काफी पहले ही मौत हो चुकी थी। शहीद विकास अपने मां-बाप के इकलौते बेटे थे। शुरू से ही विकास में देश सेवा का जज्बा कूट-कूट कर भरा था। उनकी प्राथमिक शिक्षा बंगाल में हुई थी। उनकी शादी 28 फरवरी, 2018 को हुई थी। उनकी तीन महीने की एक बेटी है। जिसका नाम वृद्धि है। फिलहाल शहीद विकास सिंह की पत्नी अपनी बेटी और अन्य परिजनों के साथ वाराणसी के महमूरगंज में रहती हैं।

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