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ISI पाकिस्तान की तो चीन की खुफिया एजेंसी है MSS, जानें खासियतें

जिस तरह भारत के पास ‘रॉ’ नाम की खुफिया एजेंसी (Intelligence Agencies) है, ठीक इसी तरह पाकिस्तान और चीन के पास भी अपनी-अपनी खुफिया एजेंसियां हैं।

भारत अपने दो पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन के साथ हमेशा से विवादों में रहा है। आजादी के बाद से अबतक दोनों देशों से रिश्ते कुछ खास नहीं रहे हैं। अबतक लड़े पांच युद्ध में से चार पाकिस्तान के खिलाफ तो एक चीन के खिलाफ लड़ा जा चुका है। दुनियाभर में सैकड़ों वर्षों से जासूसी होती रही है।

पुराने जमाने में राजा-महराजा अपने दुश्मनों की जासूसी करवाते थे। आधुनिक दौर है तो हर देश अपने-अपने स्तर पर खुफिया विभाग का संचालन करता है। जिस तरह भारत के पास ‘रॉ’ नाम की खुफिया एजेंसी है ठीक इसी तरह पाकिस्तान और चीन के पास भी अपनी-अपनी खुफिया एजेंसियां (Intelligence Agencies) हैं।

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पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का नाम इंटर सर्विसेस इंटेलीजेंस (आईएसआई) है। इसे दुनिया की सबसे बदनाम और बेहतरीन खुफिया एजेंसी में से एक माना जाता है। बदनाम खुफिया एजेंसी इसलिए क्योंकि कई आतंकी हमलों में इसका हाथ माना जाता है।

देश की सुरक्षा के नाम पर आईएसआई पर आए दिन आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते हैं। साल 1948 में आईएसआई का गठन किया गया। आईएसआई की नींव ऑस्ट्रेलियाई मूल के ब्रिटिश आर्मी ऑफिसर मेजर जनरल आर. कैथोम ने रखी थी, जो उस समय पाकिस्तानी आर्मी स्टाफ के मुख्य थे।

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वहीं, चीन की खुफिया एजेंसी भी अपने इंटेलिजेंस के लिए विख्यात है। इस एजेंसी का नाम मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्यूरिटी यानी एमएसएस है। इसकी स्थापना साल 1983 में की गई थी। इसका मुख्यालय बीजिंग में है। इसकी काम भी बाकी देशों की खुफिया एजेंसियों (Intelligence Agencies) की तरह है, पर यह देश को राजनैतिक रूप से सुरक्षित रखने के लिए काम करती है।