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1965 का युद्ध: सामरिक रूप से फायदे में था पाकिस्तान, पर हुआ नुकसान ही नुकसान

भारतीय थल सेना (Indian Army) (फाइल फोटो)

War of 1965: पाकिस्तान ने सोचा था कि कश्मीर को हड़पा जाए। लेकिन पाकिस्तान का यह सपना कभी पूरा नहीं हो सका और न ही भारतीय सेना (Indian Army) कभी ऐसा होने देगी।

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1965 में लड़े गए युद्ध (War of 1965) के पीछे की कई वजहें बताई जाती हैं। भारतीय सेना (Indian Army) ने इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया था। युद्ध की वजहों में से एक वजह पाकिस्तान का भारतीय सरजमीं पर एक कच्ची सड़क बनाना भी माना जाता है। 

युद्ध में पाकिस्तान की यही भूल उसे भारी पड़ी। कहा जाता है कि पाकिस्तान ने डींग और सुराई को जोड़ने के लिए 18 मील लंबी एक कच्ची सड़क बना ली थी। इसके बाद जैसे ही भारतीय सेना को इस बात की भनक लगी पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया था।

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दरअसल, ये सड़क कई जगहों पर भारतीय सीमा के डेढ़ मील अंदर तक जाती थी। सामरिक रूप से यहां पाकिस्तान बहुत फायदे में था क्योंकि उस इलाके से 26 मील की दूरी पर उनका रेलवे स्टेशन बादीन था।

भारत ने स्थानीय और कूटनीतिक स्तर पर विरोध जताया था। पाकिस्तान ने भारत की एक न सुनी और यह कार्रवाई दोनों देशों को युद्ध की ओर ले गई। पाकिस्तान के रोड बनाने के चलते कच्छ के रण में झडपें शुरू हो गई थीं। शुरू में तो इनमें केवल सीमा सुरक्षा बल ही शामिल था, पर बाद में दोनों देशों की सेनाएं भी युद्ध में शामिल हो गईं।

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पाकिस्तान यह सोचकर भारत के खिलाफ जंग के मैदान में उतरा था कि चीन से 1962 में हारने के बाद हम कमोजर थे। पाकिस्तान ने सोचा था कि भारत 1962 में मिली चीन से हार के बाद बेहद कमजोर पड़ चुका है और यही सही वक्त है कश्मीर को हड़पा जाए। लेकिन पाकिस्तान का यह सपना कभी पूरा नहीं हो सका और न ही भारतीय सेना (Indian Army) कभी ऐसा होने देगी।