India Pakistan War 1965: युद्ध का अंत तब हुआ जब पंजाब के तरनतारन जिले के खेमकरण में मुंह की खाने का बाद पाकिस्तान थम गया। भारत ने पाकिस्तान के सियालकोट, लाहौर और कश्मीर के कुछ इलाके जीत लिए थे।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध (India Pakistan War 1965) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। इस युद्ध को द्वितीय विश्व के बाद का सबसे बड़ा टैंक युद्ध भी कहा जाता है। दोनों देशों ने टैंकों के जरिए यह जंग लड़ी थी।
माना जाता है कि युद्ध की नींव कच्छ के लगभग अनजान और बियाबान इलाके में हुई मुठभेड़ से रखी गई थी। भारत और पाक के बंटवारे के समय से ही कई मुद्दों पर तनातनी चल रही थी, जिनमें जम्मू और कश्मीर का मुद्दा सबसे बड़ा था। इसके साथ ही अन्य सीमा विवाद भी युद्ध की प्रमुख वजहों में से एक थी।
लेकिन यह युद्ध खत्म कैसे हुआ था? दरअसल, युद्ध का अंत तब हुआ जब पंजाब के तरनतारन जिले के खेमकरण में मुंह की खाने का बाद पाकिस्तान थम गया। भारत ने पाकिस्तान के सियालकोट, लाहौर और कश्मीर के कुछ उपजाऊ इलाके जीत लिए थे। पाकिस्तान ने भारत के छंब और सिंध जैसे इलाकों पर कब्जा किया था।
इस परिस्थिति में भारत काफी फायदे में था और पाकिस्तान भारी नुकसान में था। पाकिस्तान को समझ में आ गया था कि अब अगर जंग जारी रही तो और ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है। पाकिस्तान द्वारा ऑपरेशन जिब्राल्टर की साजिश रची गई थी।
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यह साजिश 1 सितंबर से अंजाम दी गई थी। हालांकि, खेमकरण में विफलता के बाद पाकिस्तान 23 सितंबर को थम गया था और उसकी तोपों और बंदूकों ने आग उगलनी बंद कर दी थी। युद्ध का अंत संयुक्त राष्ट्र द्वारा युद्ध विराम की घोषणा के साथ हुआ।