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मां-बाप के बुढ़ापे का इकलौता सहारा अजय कुमार देश पर न्योछावर

शहीद अजय कुमार

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा में अदम्य साहस का परिचय देते हुए हिमाचल प्रदेश के अजय कुमार शहीद हो गए थे। अजय कुमार (Martyr Ajay Kumar) सिरमौर जिले के कोटला पंजोला पंचायत के रहने वाले थे। वे 42 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। महज 26 साल की उम्र में देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करदिया इस सपूत ने।

शहीद अजय कुमार को उनके शौर्य के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से नवाजा गया। 19 मार्च को जब शहीद अजय कुमार की बहादुरी की दास्तां राष्ट्रपति भवन में पढ़ी गई तो हर देशवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। शहीद की मां कमला देवी और पिता सुरेश कुमार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र प्रदान किया।

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शहीद अजय (Martyr Ajay Kumar) ने 24 अप्रैल, 2018 को पाकिस्तानी आतंकियों के साथ मुठभेड़ में अपने पराक्रम का परिचय देते हुए एक आतंकी को ढेर कर दिया था। सुबह लगभग 7 बजे आतंकियों को ढूंढ निकालने के लिए अजय और उनकी टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया। इसी बीच छिपे हुए आतंकियों ने अजय कुमार और उनके साथियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।

इस दौरान आतंकवादियों ने जवानों पर ग्रेनेड भी फेंका। शहीद अजय कुमार (Martyr Ajay Kumar) ने बहादुरी का परिचय देते हुए बिना कवर लिए ही आतंकियों से सामने से मुकाबला करना शुरू कर दिया। जिससे उनकी टीम को संभलने के लिए थोड़ा समय मिल गया और टीम को अधिक क्षति नहीं हुई।

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पर अतंकियों से इस आमने-सामने की मुठभेड़ में अजय कुमार को गोली लग गई। आर्मी अस्पताल में इलाज के दौरान अजय कुमार ने दम तोड़ दिया। शहीद अजय का जन्म 25 जून 1992 को हुआ था। वे 21 सितंबर 2013 को भारतीय सेना (Indian Army) भर्ती हुए थे। शहीद अजय माता-पिता के बुढ़ापे का इकलौता सहारा थे। शहीद अजय कुमार की अभी शादी भी नहीं हुई थी। इस शूरवीर ने छोटी सी उम्र में ही मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।