आर्टिलरी रेजिमेंट (Artillery Regiment) के स्थापना दिवस को गनर्स डे (Gunner’s Day) के तौर पर भी जाना जाता है। 2.5 इंच आर्टिलरी गन से शुरुआत करने वाली इस रेजिमेंट के पास अब दुनिया के आधुनिकतम हथियार हैं।
भारतीय सेना (Indian Army) की आर्टिलरी रेजिमेंट (Artillery Regiment) ने 28 सितंबर को अपना 193वां स्थापना दिवस मनाया। सेना की उधमपुर स्थित नॉर्दन कमांड (Northern Command) ने इस खास मौके की बधाई भी दी है। पीआरओ उधमपुर ने ट्विटर पर एक शानदार वीडियो शेयर किया है।
इस वीडियो में आर्टिलरी रेजिमेंट का दमखम दिखाया गया है। पीआरओ ने वीडियो ट्वीट कर लिखा, “अगर अब भी आपको लगता है कि पेन तलवार से ज्यादा ताकतवर है, तो इस पहाड़ पर चढ़कर दिखाइए।”
यहां देखें वीडियो-
बता दें कि 28 सितंबर, 1827 को भारत की पहली आर्टिलरी यूनिट की स्थापना हुई थी। रेजिमेंट के स्थापना दिवस को गनर्स डे (Gunner’s Day) के तौर पर भी जाना जाता है। 2.5 इंच आर्टिलरी गन से शुरुआत करने वाली इस रेजिमेंट के पास अब दुनिया के आधुनिकतम हथियार हैं।
आर्टिलरी रेजिमेंट (Artillery Regiment) के पास अब बैलिस्टिक मिसाइल, मल्टि बैरल रॉकेट लॉन्चर्स, हाई मोबिलिटी गन्स, यूएवी और इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स डिवाइसेस का जखीरा है।
सेना ने एक बयान जारी कर कहा, “रेजिमेंट के नाम आजादी से लेकर अब तक एक अशोक चक्र, सात महावीर चक्र, नौ कीर्ति चक्र, 101 वीर चक्र, 63 शौर्य चक्र, 485 सेना मेडल जैसे सम्मान हैं। कारगिल के युद्ध में बोफोर्स के दमखम ने निर्णायक भूमिका अदा की थी।”
सेना ने बयान में कहा गया, “आर्टिलरी रेजिमेंट भारतीय सेना की फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस है। रेजिमेंट हर रोज अपने सिस्टम और हथियारों को आधुनिकतम बना रही है। एक बार ये कार्यक्रम परवान चढ़ेंगे तो आर्टिलरी की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।”
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नॉर्दर्न कमांड के जीओसी और करगिल हीरो लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने गनर्स डे (Gunner’s Day) के मौके पर आर्टिलरी रेजिमेंट (Artillery Regiment) को बधाई दी है।