किशोर कुमार (Kishore Kumar) का जन्म 4 अगस्त, 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में जाने-माने वकील कुंजीलाल के यहां हुआ था। किशोर कुमार का वास्तविक नाम आभास कुमार गांगुली था। किशोर कुमार अपने भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थे। उन्होंने अपने जीवन के हर क्षण में खंडवा को याद किया। वे जब भी किसी सार्वजनिक मंच पर या किसी समारोह में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करते थे, शान से कहते थे, किशोर कुमार खंडवा वाले। अपनी जन्मभूमि और मातृभूमि के प्रति ऐसा जज्बा बहुत कम लोगों में दिखाई देता है।
किशोर कुमार (Kishore Kumar) इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़े थे और उनकी आदत थी कि कॉलेज की कैंटीन से उधार लेकर खुद भी खाना और दोस्तों को भी खिलाना। वह ऐसा समय था, जब 10-20 पैसे की उधारी भी बहुत मायने रखती थी। किशोर कुमार पर जब कैंटीन वाले के 5 रुपए 12 आना उधार हो गए और कैंटीन का मालिक जब उनको अपने 5 रुपए 12 आना चुकाने को कहता तो वे कैंटीन में बैठकर ही टेबल पर गिलास और चम्मच बजा-बजाकर 5 रुपया 12 आना गा-गाकर कई धुन निकालते थे और कैंटीन वाले की बात अनसुनी कर देते थे। बाद में उन्होंने अपने एक गीत में ‘ पांच रुपया बारह आना’ का बहुत ही खूबसूरती से इस्तेमाल किया। शायद बहुत कम लोगों को ‘5 रुपया बारह आना’ वाले गीत की यह असली कहानी मालूम होगी।
किशोर कुमार (Kishore Kumar) की शुरुआत एक अभिनेता के रूप में फिल्म ‘शिकारी’ (1946) से हुई। इस फिल्म में उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। उन्हें पहली बार गाने का मौका मिला, 1948 में बनी फिल्म ‘जिद्दी’ में, जिसमें उन्होंने देव आनंद के लिए गाना गाया था।