World Cup 1983: क्रिकेट हमारे देश के सबसे पसंदीदा खेलों में से एक है। इस खेल से देशवासियों को एक अलग ही जुड़ाव है। भारत ने अबतक दो बार वर्ल्ड कप में जीत हासिल की है। पहली जीत 1983 में मिली थी और 2011 में दूसरी जीत। 1983 की जीत आज ही के दिन यानी 25 जून को हासिल हुई थी। 25 जून भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण तारीख है।
पूर्व भारतीय कैप्टन कपिल देव के नेतृत्व में भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत हासिल की थी। इस जीत के बाद पूरे भारत में जश्न का माहौल था। हर तरफ भारतीय टीम के प्रदर्शन की बात हो रही थी। हर एक खिलाड़ी की तारीफ में कसीदे पढ़े जा रहे थे। यह जीत भारतीय टीम को इतनी आसानी से नहीं मिली थी। एक मौक तो ऐसा भी आया जब सबको लगा था कि भारत के हाथ से वर्ल्ड कप गया।
दरअसल भारत और वेस्टइंडीज के बीच वर्ल्ड कप में पहले दो मुकाबले हो चुके थे। और दोनों ही टीमों ने एक दूसरे के खिलाफ एक-एक जीत हासिल की थी। तीसरा फाइनल मुकाबला था फाइनल में पहुंचने की वजह से भारतीय फैंस चमत्कार की उम्मीद कर रहे थे। टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रही और उसकी पारी 54.4 ओवरों में 183 रनों पर सिमटी। श्रीकांत और मोहिंदर अमरनाथ ने मिलकर पारी को संभाला। कोई भी खिलाई हाफ सेंचुरी भी नहीं लगा सका। ओपनर कृष्णमचारी श्रीकांत ने सर्वाधिक 38 रन बनाए। एंडी रॉबर्ट्स ने 3 विकेट लिए।
इसके बाद वेस्टइंडीज की टीम बल्लेबाजी करने उतरी। टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पांच रन के मामूल स्कोर पर टीम का पहला विकेट गिर गया। इसके बाद सर विवियन रिचर्ड्स (33) ने पारी को कुछ हद तक संभालने की कोशिश की लेकिन बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में वह कपिल देव को कैच थमा बैठे। यही वो मौका था जब वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत की तस्वीर साफ होने लगी। सर विवियन रिचर्ड्स के पवेलियन लौटने के बाद वेस्टइंडीज का कोई भी बल्लेबाज टिक नहीं सका और भारत ने 43 रन से जीत हासिल कर ली।
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