बिहार की बेटी मानवी सिंह (Maanvi Singh) के नन्हे हाथों ने तलवारबाजी में ऐसे करतब दिखाये कि पूरे देश के माता-पिता यही कहेंगे कि ‘अगले जन्म मुझे बिटिया ही दिजो’।
आज पूरा विश्व नये भारत की बात कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में हमारा देश तरक्की की राह पर है। देश के युवा भारत के भविष्य को संवार रहे हैं। ऐसी ही बहुत सारी बातें हैं जिन्हें सुनकर हर भारतीय का सीना चौड़ा हो जाता है। लेकिन, हमारे ही देश में आय दिन होने वाले बेटियों पर अत्याचार की खबरें देश की तरक्की की इस खुशी को पलभर में काफूर कर देती है। समाज का एक बड़ा तबका आज भी बेटियों के जन्म को अभिशाप मानता है और बेटों की लालसा में ना जाने कितने कर्म-कुकर्म करता है। लेकिन समय-समय पर समाज की इस अभिधारणा को हमारे देश की बेटियों ने ही गलत साबित किया है।
पाक प्रधानमंत्री ने फिर अलावा शांति का राग, इमरान बातचीत से हल करेंगे कश्मीर का विवाद
“म्हारी छोरियां छोरो से कम है के…” आमिर खान की फिल्म दंगल का ये संवाद बिहार के पटना के रहने वाले चंदन कुमार पर बिल्कुल फिट बैठता है। उनकी नन्ही बेटी मानवी सिंह (Maanvi Singh) ने अपने लगन और मेहनत से उनका सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है।
पूरा मामला असम फेंसिंग एसोसिएशन व तिनसुकिया फैंसिंग एसोसिएशन के तत्वाधान में स्टेट फैंसिंग (तलवारबाजी) के कार्यक्रम का है। जहां पटना जिले के वृंदावन कॉलोनी की रहने वाली 5वीं की छात्रा मानवी सिंह ने दो गोल्ड मेडल जीतकर ना सिर्फ बिहार का बल्कि पूरे देश का नाम रौशन किया है।
इस खेल प्रतियोगिता में 10 जिलों के 120 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। जिसमें मानवी सिंह (Maanvi Singh) ने तिनसुकिया जिले का प्रतिनिधित्व किया। अंडर 10 मिनी स्टेट फेंसिंग चैंपियनशिप में खेलते हुए मानवी सिंह ने सिंगल और डबल मुकाबले में गोल्ड मेडल जीतकर अपने जिले के लिए नया कीर्तिमान स्थापित किया।
असम के श्रम कल्याण और चाय राज्य मंत्री संजय किशन ने इस कार्यक्रम के दौरान खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया और उन्हें सम्मानित किया। इस दौरान जिला खेल प्राधिकरण और जिला खेल अधिकारी प्रांजल देहिंगिया भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए खेल और कल्याण निदेशालय की सदस्य लक्ष्मी कोंवर ने असम में सोनोवाल की अगुवाई में सरकार द्वारा खेल के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की तारीफ की। साथ ही उन्होंने छात्रों से खेल को करियर के रूप में अपनाने का भी आग्रह किया।
अपने शिष्य की जीत से आह्लादित कोच अनिर्बन बैनर्जी ने मानवी (Maanvi Singh) के सफल भविष्य की कामना की। तो वहीं उसके दोस्तों के साथ ही स्कूल के टीचर और गृह जिले के लोग भी फूले नहीं समा रहे हैं।