थियेटर, सिनेमा और छोटे पर्दे की दिग्गज कलाकार सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) का आज अपना जन्मदिन मना रही हैं। 19 अप्रैल, 1945 को जन्मीं सुरेखा सीकरी ने साल 1978 में पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म ‘किस्सा कुर्सी का’ (Kissa Kursi Ka) से डेब्यू किया। इसके बाद कई हिंदी फिल्मों और मलयालम फिल्मों में सपोर्टिंग कलाकार की भूमिका निभाई।
इसके अलावा कई डेली सोप में अपने अभिनय का ऐसा डंका बजवाया कि लोगों के जेहन में बस गईं सुरेखा सीकरी। सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) को घर-घर पहचान मिली लंबे समय से दर्शकों का मनोरंजन करने वाले शो ‘बालिका वधू’ के कल्याणी के किरदार से। इस कैरेक्टर ने उन्हें एक ऐसे मुकाम पर पहुंचा दिया जिसकी चाहत हर एक्टर-एक्ट्रेस को होती है।
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सीरियल ‘बालिका वधू’ की दादी सा यानी कल्याणी देवी ने अपने रुतबे से ऐसा खौफ और प्यार का मिलाजुला रुप दिखाया कि हर कोई सुरेखा का मुरीद हो गया। हाल ही में वह आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘बधाई हो’ में भी नजर आई थीं। 66वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में एक्ट्रेस सुरेखा सीकरी को फिल्म ‘बधाई हो’ में दादी के दमदार रोल के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के अवॉर्ड से नवाजा गया था।
अपने करियर के इस खास पुरस्कार को पाने के लिए सुरेखा सीकरी जब व्हीलचेयर पर अवॉर्ड लेने पहुंचीं तो उन्हें सम्मान देने के लिए लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाईं थीं। इससे पहले भी वह कई दमदार किरदार निभा चुकी हैं। 1970 से 1980 के बीच उन्होंने कई बड़े डायरेक्टर्स के साथ काम किया और अवॉर्ड भी जीते।
सुरेखा का बचपन से सपना था कि वह बड़ी होकर पत्रकार या लेखक बनें। मगर किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था. सुरेखा अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में पढ़ती थीं, तभी एक बार वहां पर एक दफा अब्राहम अलकाजी साहेब अपना एक नाटक लेकर पहुंचे। नाटक का नाम ‘द किंग लियर’ था। इस नाटक का सुरेखा पर इतना असर हुआ कि उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लेने का मन बना लिया।
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सुरेखा सीकरी ने अपने करियर में कई शानदार फिल्मों में काम किया जैसे, किस्सा कुर्सी का, सलीम लंगड़े पे मत रो, लिटिल बुद्धा, नसीम, सरदारी बेगम, सरफरोश, दिल्लगी, हरी-भरी, जुबैदा, मिस्टर एंड मिसेज अय्यर, रेनकोट, हमको दीवाना कर गए, देव डी और बधाई हो जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है।