Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

Vikas Dubey Encounter: गैंगस्टर विकास दुबे का चैप्टर क्लोज, कानपुर में यूपी एसटीएफ ने मार गिराया, पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कर रहा था कोशिश

अपराधी विकास दुबे। फाइल फोटो

Vikas Dubey Encounter: दुर्दांत अपराधी और यूपी पुलिस के 8 जवानों का हत्यारा गैंगस्टर विकास दुबे मारा गया। कानपुर के पास यूपी एसटीएफ ने उसे शुक्रवार को मार गिराया। यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर ले आ रही थी, उसी बीच ये एनकाउंटर पेश आया।

दरअसल, हफ्ते भर से फरार चल रहे अपराधी विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था। वहां से उसे लाने के लिए यूपी एसटीएफ की टीम लेकर कानपुर आ रही थी। पर कानपुर पहुंचने से पहले ही रास्ते में बर्रा थाना क्षेत्र के पास सुबह करीब 6:30 बजे यूपी एसटीएफ के काफिले की एक कार पलट गई। विकास दुबे उसी गाड़ी में बैठा था।

मौका देख कर विकास ने पुलिस की पिस्टल छीनी और हमला करने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में उसे दो गोली लग गई और वह बुरी तरह जख्मी हो गया। आनन-फानन में एसटीएफ की टीम उसे अस्पताल लेकर पहुंची, जहां सबह 7:55 पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।

घटना की पुष्टि कानपुर रेंज के आईजी ने की है। बताया जा रहा है कि कार पलटने की वजह तेज बारिश है।

बारिश के चलते यूपी एसटीएफ के काफिले की एक गाड़ी पलट गई।

इससे पहले विकास दुबे को गुरुवार सुबह उज्जैन मंदिर में करीब 9 बजे गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पुलिस उसे पहले महाकाल थाना, पुलिस कंट्रोल रूम, नरवर थाना और फिर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर लेकर गई। यहां उससे करीब दो घंटे तक पूछताछ की गई।

वहीं, बुधवार देर रात विकास दुबे का एक और करीबी प्रभात मिश्रा मारा गया था। प्रभात को पुलिस ने बुधवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर ले जा रही थी। रास्ते में प्रभात ने भागने की कोशिश की, उसने पुलिस की पिस्टल छीनकर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में प्रभात मारा गया। बुधवार को ही विकास के करीबी अमर दुबे का भी एनकाउंटर हुआ था। अब तक विकास गैंग के 5 लोग एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।

गौरतलब है कि कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बिकरू गांव में 2-3 जुलाई की रात पुलिस विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए दबिश डालने पहुंची थी। टीम की कमान बिठूर के डीएसपी देवेंद्र मिश्रा संभाल रहे थे। उनके साथ तीन थानों की फोर्स मौजूद थी। इससे पहले कि पुलिस विकास को दबोचती, उसके गैंग ने पुलिस पर धावा बोल दिया। काफी देर तक चली मुठभेड़ में डीएसपी देवेंद्र मिश्रा, एसओ शिवराजपुर महेंद्र सिंह यादव, चौकी प्रभारी मंधना अनूप कुमार सिंह समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। मुठभेड़ के बाद विकास दुबे और उसका पूरा गैंग गांव से फरार हो गया था।