भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि कश्मीर मामले पर किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। अगर पाकिस्तान वास्तव में भारत के साथ सामान्य संबंधों के प्रति गंभीर है तो उपयुक्त माहौल बनाने की जिम्मेदारी उसकी (Pakistan) है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) को यह समझने की जरूरत है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़़ाई के संबंध में विश्व समुदाय उसके दोहरे मानदंड़ को समझ गया है। पाकिस्तान को अपनी धरती से परिचालित आतंकी समूहों पर विश्वसनीय‚ ठोस और पुष्टि किए जाने योग्य कार्रवाई करने की जरूरत है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि कश्मीर मामले पर हमारा रुख स्पष्ट और स्थिर है। कश्मीर मामले पर किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच विवाद सुलझाने में मदद को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के बयान के बारे में सवाल पूछा गया था। उन्होंने कहा कि अगर कोई द्विपक्षीय मामला आता है तब दोनों देशों को इसे द्विपक्षीय ढ़ग से सुलझाया जाना चाहिए जो शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र की तहत हो। कुमार ने कहा‚ ‘वार्ता के लिए उपयुक्त माहौल तैयार करना पाकिस्तान का दायित्व है जो आतंकवाद‚ शत्रुता और हिंसा से मुक्त हो।’ उन्होंने कहा कि तभी दोनों देशों के बीच कोई अर्थपूर्ण बातचीत हो सकती है।
गौरतलब है कि दावोस में अमेरिका के राष्ट्रपति ड़ोनाल्ड़ ट्रंप ने कहा था कि वाशिंगटन कश्मीर के मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच घटनाक्रम पर ‘करीबी नजर ‘ रख रहा है। उन्होंने यहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मुलाकात में एक बार फिर दोनों पड़़ोसी देशों के बीच विवाद को सुलझाने में ‘मदद ‘ की बात कही थी। दावोस में भारत–पाक संबंधों के लेकर इमरान खान के बयान के बारे में एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमने भारत–पाक संबंधों को लेकर दावोस में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान को देखा है।