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पटना में बांग्लादेशी आतंकी गिरफ्तार, बौद्ध धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की थी साजिश

सांकेतिक तस्वीर

बिहार एटीएस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। एटीएस ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमीयत-उल-मुजाहिद्दीन और इस्लामिक स्टेट बांग्लादेश (आईएसबीडी) से जुड़े दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी पटना जंक्शन (Patna Junction) के पास मोटरसाइकिल स्टैंड से हुई है। दोनों भारत में बड़ी आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए स्लीपर सेल तैयार करने के साथ ही बौद्ध धार्मिक स्थलों की रेकी कर रहे थे।

गिरफ्तार आतंकियों के नाम खैरुल मंडल और अबु सुल्तान हैं। ये दोनों बांग्लादेश के परगन-खुलना के जिला झेनोदा के थाना महेशपुर के गांव चापातल्ला के रहने वाले हैं। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार खैरुल और अबु सुल्तान देश में बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। दोनों जेएमबी और आईएसबीडी आतंकी संगठन के सक्रिय सदस्य हैं।

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इस संगठन के नुरूल होदा मासूम, रिंकू मंडल, सैबुल को बांग्लादेश पुलिस आतंकी घटनाओं में गिरफ्तार कर चुकी है। इनके पास न कोई पासपोर्ट था और न ही बांग्लादेश से भारत आने का कोई वैध दस्तावेज। दोनों ने असलियत छुपाने के लिए फर्जी भारतीय मतदाता पहचान पत्र बनवाया था। पुलिस के मुताबिक दोनों 11 दिनों तक गया में रहे और इस दौरान कई जगहों की रेकी की।

तलाशी के दौरान उनके पास से पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति से संबंधित आदेश की फोटो कॉपी मिली है। साथ ही आईएसआईएस आतंकी संगठन के पोस्टर और पंफलेट मिले हैं। तीन मोबाइल, एक मेमोरी कार्ड, दो फर्जी भारतीय मतदाता पहचान पत्र और एक फर्जी पैन कार्ड भी बरामद हुआ है। साथ हीं नई दिल्ली से हावड़ा और गया से पटना के रेलवे टिकट और कोलकाता से गया तक के बस टिकट भी मिले हैं।

पुलिस के मुताबिक इनकी साजिश बौद्ध धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की थी। ये आतंकी स्लीपर सेल की तलाश में थे और अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को बांग्लादेश के जमीयत उल मुजाहिद्दीन से जोड़कर भारत में अपना संगठन फैलाना करना चाहते थे। इस काम के लिए कोलकाता, दिल्ली के अलावा पटना और गया इनके निशाने पर थे। पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि ये दोनों सीरिया में आईएसआईएस से जुड़कर जेहाद में शामिल होना चाहते थे।