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आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अपना नाम बदला, अब इसके हाथ में है कंट्रोल

जैश सरगना मसूद अजहर

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अपना नाम बदल लिया है। पाकिस्तान में अपनी गतिविधियों पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ने और जांच से बचने के लिए जैश-ए-मोहम्मद ने अपना नाम बदलकर ‘मजलिस वुरसा-ए-शुहुदा जम्मू वा कश्मीर’ रख लिया है। इस नाम का मतलब जम्मू और कश्मीर के शहीदों के वंशजों का जमावड़ा है। इसका सरगना मसूद अजहर का छोटा भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर है। भारत में काउंटर टेरर एजेंसियों के मुताबिक, जैश एक नए नाम के साथ फिर से उभर रहा है। लेकिन उसका नेतृत्व और कैडर वही है। इसे पहले वह खुद्म-उल-इस्लाम और अल रहमत ट्रस्ट के रूप में जाना जाता था।

मजलिस वूरसा-ए-शुहुदा जम्मू वा कश्मीर का झंडा भी वही है। लेकिन इसमें एक शब्द “अल-जिहाद” की जगह “अल-इस्लाम” शब्द जोड़ा गया है। इसके एक नेता मौलाना आबिद मुख्तार ने इस साल अपनी कश्मीर रैलियों में भारत, अमेरिका और इजरायल के खिलाफ पहले ही जिहाद का आह्वान कर दिया है। बता दें कि जैश सरगना मसूद अजहर को इसी साल मार्च में पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जा रहा है कि इमरान सरकार ने यह कदम बस दिखावा करने के लिए उठाया था। मसूद अजहर भारत में भारतीय संसद, मुंबई, पुलवामा, उरी समेत कई हमलों का मास्टरमाइंड है।

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मौलाना मसूद अजहर का संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ भारत ही नहीं अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे चुका है। संयुक्त राष्ट्र पहले ही इस संगठन को ब्लैकलिस्ट कर चुका है। लेकिन तमाम लगामों के बाद भी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में ये आतंकी संगठन सालों से फलता-फूलता आ रहा था। लेकिन पाकिस्तान यह मानने से इनकार करता रहा कि मसूद अजहर उसके देश में है। हाल ही में पाकिस्तान ने यह मान लिया था कि मसूद अजहर की तबीयत खराब है और वो पाकिस्तान में ही है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान आतंकियों की मदद से नापाक हरकतों को अंजाम देने की भी फिराक में है।

जानकारी के मुताबिक, जैश ने भारत में आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के लिए आत्मघाती हमलावरों का एक समूह तैयार किया है। माना जा रहा है कि ये आत्मघाती हमलावर भारत में विशेष रूप से सैन्य छावनियों और जम्मू और कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के काफिलों को टारगेट करेंगे। रऊफ असगर ने इस महीने बालाकोट में जैश के मरकज सैयद अहमद शहीद आतंकी प्रशिक्षण शिविर को फिर से सक्रिय कर दिया है। वह भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए भवालपुर और सियालकोट में भर्तियां भी कर रहा है। दरअसल, 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला कर दिया था, जिसमें करीब 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे।

इसी के जवाब में भारत ने एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश की कमर तोड़ी थी। पुलवामा हमले के बाद 27 फरवरी को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानें ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंप पर बमबारी की थी और कैंप को तबाह कर दिया था। हालांकि, पाकिस्तान इससे इनकार करता रहा है। हालांकि, भारत सरकार ने इसके सबूत भी पाकिस्तान को दिए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जैश ने बालाकोट स्थित अपने आतंकी शिविर को फिर से सक्रिय कर लिया है और वहां करीब 40 से अधिक आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहा है।

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