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जम्मू-कश्मीर में बड़ा आतंकी हमला, 5 जवान शहीद

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में सीआरपीएफ के गश्ती दल पर आतंकी हमला।

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में 12 जून की शाम को बड़ा हमला हुआ। जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने सीआरपीएफ के गश्ती दल पर हमला किया। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 5 जवान शहीद हो गए। जबकि तीन अन्य सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने एक आतंकियों को मार गिराया। अधिकारियों के अनुसार, मुठभेड़ में एक आतंकवादी को मार गिराया गया। उसके पास से एक एके राइफल बरामद की गई। घायलों को 92 बेस अस्पताल ले जाया गया। इस आतंकी हमले में अनंतनाग पुलिस स्टेशन के एसएचओ अरशद अहमद भी घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए श्रीनगर ले जाया गया। जिस इलाके में हमला हुआ है वहां सीआरपीएफ की 116वीं बटालियन की ब्रावो कंपनी और राज्य पुलिस की संयुक्त टीम को पिकेट ड्यूटी पर तैनात किया गया था।

जानकारी के मुताबिक, घटना व्यस्ततम खन्नाबल-पहलगाम रोड पर अनंतनाग बस स्टेशन से एक किलोमीटर दूर महिला कॉलेज के पास हुई। जहां मोटरसाइकिल सवार दो आतंकियों ने पेट्रोलिंग पार्टी को निशाना बनाकर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। आतंकियों ने ग्रेनेड भी फेंके। इसमें एसएचओ सदर अनंतनाग इंस्पेक्टर इरशाद गंभीर रूप से घायल हो गए। डॉक्टरों ने उन्हें श्रीनगर अस्पताल रेफर कर दिया। जबकि इस गोलीबारी में एक आतंकवादी मारा गया। घटना के बाद एक आतंकी मौके से भाग निकला।

शहीद हुए जवानों के नाम-
1.एएसआई रमेश कुमार, झज्जर (हरियाणा)
2.एएसआई निरोद शर्मा, नालबारी (असम)
3. कॉन्स्बेटल सतेंद्र कुमार, मुजफ्फरनगर (यूपी)
4. कॉन्स्टेबल कुमार कुशवाहा, गाजीपुर (यूपी)
5. कॉन्स्टेबल संदीप यादव, देवास (मध्य प्रदेश)

जानकारी के मुताबिक, अल उमर मुजाहिदीन नाम के आंतकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस आतंकी संगठन ने कहा है कि मुश्ताक जरगर उसका सरगना है। बताया जा रहा है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान वह भी निशाने पर था। मुश्ताक जरगर वही शख्स है जिसे 1999 में विमान आईसी-814 के अपहृत यात्रियों को छोड़ने के बदले भारत सरकार ने रिहा किया था। उसके साथ मसूद अजहर और शेख उमर को भी छोड़ा गया था। गौरतलब है कि 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर बड़ा आत्मघाती हमला किया था। जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे।

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