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सऊदी अरब ने पाकिस्तान को दिया करारा झटका, खैरात में दिये जाने वाले अरबों डॉलर पर लगाया प्रतिबंध

Saudi Arab

सऊदी अरब (Saudi Arabia) के पैसे पर पलने वाले पाकिस्तान (Pakistan) को करारा झटका लगा है। सऊदी अरब अब अपनी ‘चेकबुक डिप्लोमेसी’ से किनारा करने जा रहा है। सऊदी अरब के खैरात में पैसा न देने का असर सबसे ज्यादा पाकिस्तान और लेबनान जैसे देशों पर पड़ने की आशंका है। ये देश वर्षों से सऊदी अरब से मिलने वाले पेट्रो डॉलर के बल पर अपना गुजारा करते रहे हैं। विश्लेषण के मुताबिक प्रभाव बढ़ाने के लिए पेट्रो डॉलर बांटने की सऊदी अरब की नीति से कुछ खास फायदा नहीं होने पर रियाद अब इसे बंद करने जा रहा है। अब तक सऊदी अरब अपने सहयोगियों और दुश्मनों के दुश्मन को अरबों डॉलर की सहायता देता रहा है।

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इसके पीछे सऊदी अरब (Saudi Arabia) का मकसद अरब पॉवर होने की अपनी स्थिति को मजबूत करना और मुस्लिम दुनिया का अगुवा बनना था। हालांकि तेल से होने वाली आय में कमी होने के बाद अब सऊदी अरब अपनी नीतियों को बदलने पर विचार कर रहा है। उसे लग रहा है कि इतना पैसा देने का कोई फायदा नहीं हुआ। वह भी तब जब उसके क्षेत्रीय प्रभुत्व को कतर, तुर्की और ईरान चुनौती दे रहे हैं।

सऊदी (Saudi Arabia) प्रिंस पाकिस्तान से बेहद खफा

कोरोना वायरस और तेल की गिरती कीमतें सऊदी अरब (Saudi Arabia) को ऐसा करने के लिए मजबूर कर रही हैं। सऊदी अरब अपनी एटीएम वाली छवि को खत्म करना चाहता है। इसके अलावा सऊदी अरब पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बयान से काफी नाराज है। कुरैशी ने धमकी दी थी कि सऊदी अरब कश्मीर पर भारत के खिलाफ दृढ़ रवैया अपनाए अन्यथा वह नया मुस्लिम गुट बना लेंगे। इस धमकी से सऊदी अरब पाकिस्तान से बहुत ज्यादा खफा है, जो खुद को इस्लामी दुनिया में अगुवा मानता है। क्योंकि खुद सऊदी प्रिंस तलाल बिन मोहम्मद अल फैसल ने लिखा, इस रिश्ते से वास्तव में केवल एक पक्ष को फायदा हुआ और यह पक्ष है पाकिस्तान।

सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने हाल ही में पाकिस्तान से 3 अरब में से 1 अरब डॉलर लोन वापस मांग लिया था। इससे पैसे की किल्लत से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) की हालत खराब हो गयी थी और उसने चीन से लोन लेकर सऊदी अरब का लोन चुकाया था। इसके अलावा सऊदी ने पाकिस्तान की उधार पर तेल लेने की सुविधा को भी खत्म कर दिया था।

गौरतलब है कि पाकिस्तान (Pakistan) का उच्च तबका सऊदी अरब (Saudi Arabia) के पैसे को खैरात समझता रहा है जो उसे पिछले कई दशक में दिया गया है। अब पाकिस्तान के लिए पार्टी खत्म हो गयी है। पाकिस्तान को अब रिश्तों को महत्व देना होगा। यह अब फ्री लंच या एकतरफा रास्ता नहीं रहा।