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20 सालों में पहली बार टली भारत और रूस के बीच होने वाली सालाना बैठक, अटकलों का दौर तेज

दो दशकों में यह पहला मौका होगा जब भारत और रूस के बीच होने वाली वार्षिक शिखर सम्मेलन (Russia India Annual Summit) का आयोजन नहीं किया जाएगा।

भारत और रूस के बीच होने वाला वार्षिक शिखर सम्मेलन (Russia India Annual Summit) टाल दिया गया है। इसके बाद से कई तरह की अटकलें शुरू हो गईं। करीब दो दशकों में यह पहला मौका होगा जब भारत और रूस के बीच होने वाली वार्षिक शिखर बैठक का आयोजन नहीं किया जाएगा। भारत और रूस दोनों ने 23 दिसंबर को बयान जारी करके कहा कि ऐसा कोविड-19 (Covid-19) महामारी की वजह से हो रहा है। अन्य कोई भी अटकलें गलत और गुमराह करने वाली हैं।

दरअसल, वार्षिक शिखर सम्मेलन टलने के बाद प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे लेकर ट्विटर पर अपनी टिप्पणी में मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “रूस भारत का अहम दोस्त हैं। पारंपरिक संबंधों को नुकसान पहुंचाना हमारी अदूरदर्शिता है और यह भविष्य के लिए खतरनाक है।”

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राहुल गांधी की इस टिप्पणी के बाद दोनों देशों की तरफ से आधिकारिक बयान आया और बताया गया कि कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाला गया है। भारत में रूस के राजदूत निकोलय कुदाशेव ने कहा कि भारत और रूस के संबंध गतिशील हैं।

वार्षिक शिखर सम्मेलन (Russia India Annual Summit) टलने पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने भी बयान जारी कर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा, “वार्षिक बैठक को रद्द करने का फैसला पारस्परिक सहमति से लिया गया है। इसे लेकर किसी भी तरह की अटकलबाजी में भ्रमित करने वाले हैं और उनमें कोई सच्चाई नहीं है। दोनों देशों के रिश्ते बेहद अहम हैं और इसे लेकर किसी भी तरह की फर्जी न्यूज स्टोरी फैलाना एक गैर-जिम्मेदाराना रवैया है।”

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वहीं, भारत में रूस के राजदूत निकोल कुदशेव ने भी ऐसी खबरों का खंडन किया है। उन्होंने कहा, “मैं इसे वास्तविकता से दूर पाता हूं। भारत और रूस के बीच विशेष गठजोड़ कोविड-19 के बावजूद भी अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है।” उन्होंने कहा, “शिखर सम्मेलन की नई तारीखों के बारे में हम भारतीय मित्रों के साथ सम्पर्क में हैं जो महामारी से जुड़े कारणों से टाल दिया गया। हमें विश्वास है कि निकट भविष्य में यह आयोजित होगी।”

दरअसल, एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि दो दशक में ऐसा पहली बार है जब भारत और रूस के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन (Russia India Annual Summit) नहीं हो रहा है। ऐसा तब हुआ जब नई दिल्ली के इंडो-पैसिफिक इनिशिएटिव क्वाड ज्वॉइन करने और अमेरिका की तरफ झुकाव को लेकर मॉस्को ने गंभीर आपत्ति दर्ज की है। इसी के बाद भारत और रूस की तरफ से बयान जारी करके स्थिति स्पष्ट की गई है।

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हालांकि, हाल ही में रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव के बयान से दोनों देशों के संबंधों में तनाव को हवा मिली थी। रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लवरोव ने क्वैड गुट पर सख्त टिप्पणी करते हुए भारत को चीन के खिलाफ पश्चिमी देशों की ‘लगातार, आक्रामक और छलपूर्ण’ नीति में एक मोहरा बताया था। क्वैड गुट (QUAD) में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया हैं। इस गुट को एशिया-पैसिफिक में चीन विरोधी गुट के तौर पर देखा जा रहा है।

20 सालों में पहली बार टली बैठक

गौरतलब है कि ब्लादिमीर पुतिन मई, 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने और तब से भारत-रूस के बीच यह वार्षिक शिखर सम्मेलन (Russia India Annual Summit) हो रहा है। यह पहली बार है जब वार्षिक शिखर सम्मेलन को टाला गया है। कई लोग कोविड महामारी के तर्क को लेकर कह रहे हैं कि बैठक वर्चुअल भी हो सकती थी। ऐसे लोग दोनों देशों के तर्कों से सहमत नहीं हैं। हाल के दिनों में, प्रधानमंत्री मोदी कई वर्चुअल अंतरराष्ट्रीय समिट में शामिल भी हुए हैं।