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अधिक पैसे की उगाही के लिए उग्रवादी बना रहे हैं अपना नया संगठन

झारखंड की राजधानी रांची के आस पास सक्रिय उग्रवादी संगठनों से उग्रवादी अपने पुराने संगठन को छोड़कर नया संगठन बना रहे हैं। हाल ही में अधिक पैसे कमाने के लालच में दो उग्रवादी कृष्णा यादव उर्फ सुलतान और मोहन यादव ने PLFI संगठन को छोड़ दिया है। अब उन्होंने अपना नया दस्ता तैयार कर लिया है और ये दस्ता रांची के आसपास के इलाकों में सक्रिय है।

ये उग्रवादी लगातार कारोबारियों, क्रेशर मालिकों, भट्टा मालिक समेत कई ठेकेदारों से लेवी मांग रहे हैं और उनसे रकम की वसूली भी कर रहे हैं। रकम नहीं देने वाले कारोबारियों को धमकी भी दी जा रही है। इनकार करने पर वे हिंसक घटनाओं को भी अंजाम दे रहे हैं। हाल में दोनों उग्रवादियों ने बुढ़मू, ओरमांझी समेत कई इलाकों में हिंसक घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। खुफिया विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस नये घटनाक्रम के बारे में रांची एसएसपी अनीश गुप्ता को पत्र भेजकर अवगत कराया है। पत्र में ये भी कहा गया है कि दोनों उग्रवादियों का दस्ता पिठोरिया, बुढ़मू के अलावा चतरा, लातेहार जिलों में भी सक्रिय है। ये उग्रवादी रांची जिला के पिपरवार, डकरा, पिठोरिया, बुढ़मू बेंती, खूंटी टोला के जंगील पहाड़ी क्षेत्र, लातेहार, चतरा, ओरमांझी इलाके में दस्ता सक्रिए है। ये लगातार दस्ता लगाकर कारोबारियों और ठेकेदारों से संपर्क कर रहा है।

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PLFI से हटने के बाद कृष्णा यादव और मोहन यादव ने जनवरी 2019 में मिलकर एक दस्ता तैयार किया। उग्रवादी दस्ता के साथ पिपरवार के राय, बमने, पारले, अस्ताना, उमेडंडा आदि इलाकों में उसी समय फ्लैग मार्च किया और सभी जगहों पर पोस्टबाजी भी की।
उग्रवादी कृष्णा यादव PLFI से जुड़ा हुआ था। वहीं, मोहन यादव माओवादी संगठन में था। संगठन कमजोर होने के बाद 2004-05 में मोहन गिरीडीह चला गया। इसके बाद दिसंबर 2018 में वह दौबारा इलाके में लौट आया। इसके बाद कृष्णा और मनोज ने मिलकर एक दस्ता तैयार किया था। कृष्ण व मोहन के दस्ते के साथ 15 जुलाई को बुढ़मू और पिपरवार के बीच कोले पताल में पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। दोनों ओर से फायरिंग भी हुई थी, लेकिन दस्ता में शामिल उग्रवादी भागने में कामयाब रहे।

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