रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि बालाकोट हवाई हमलों से भारत की ओर से यह स्पष्ट संदेश गया कि सीमा पार के बुनियादी ढांचों का इस्तेमाल आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में नहीं किया जा सकेगा। सिंह (Rajnath Singh) ने ‘एयर पॉवर इन नो वॉर‚ नो पीस सिनेरियो’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को याद किया और बालाकोट हवाई हमला करने वाले जवानों को सलाम किया। ‘सेंटर फॉर एयर पॉवर स्टड़ीज’ में उन्होंने कहा‚ हमें जो काम मिला है यदि उसके लिए हमें तैयार रहना है तो यह आवश्यक है कि हम जमीन‚ आसमान और समुद्र में हर वक्त विश्वास योग्य प्रतिरोधक क्षमता कायम रखें।
कार्यक्रम को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और वायुसेना प्रमुख आरके भदौरिया ने भी संबोधित किया। रावत ने कहा कि बालाकोट हमलों से यह संदेश स्पष्ट रूप से गया है कि भारत के खिलाफ जो युद्ध छेड़ा जा रहा है‚ उसे ‘बर्दाश्त नहीं किया जाएगा’।
वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने युद्ध के लिहाज से नयी स्वदेशी प्रौद्योगिकी की आवश्यकता पर जोर दिया और ड़ीआरड़ीओ से ऐसे हथियार विकसित करने का आग्रह किया।
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रक्षामंत्री (Rajnath Singh) ने कहा कि बालाकोट हवाई हमलों ने भारत की ओर से यह स्पष्ट संदेश भेजा है कि सीमा पार के बुनियादी ढांचे अब आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह नहीं होंगे।
सिंह (Rajnath Singh) ने कहा‚ पाकिस्तान के लिए भारत के खिलाफ आतंकवाद का इस्तेमाल करना एक आसान विकल्प है। इस बारे में हमने पाकिस्तान को सबक सिखा दिया है। बालाकोट के जरिए हमने संकेत दे दिया है कि नियंत्रण रेखा के पार आतंकी शिविर अब आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं रह गए हैं।
सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में सुरक्षा परिदृश्य बदल गया है और सीमापार आतंकवाद नए किस्म के युद्ध का उदाहरण है जिसने सीमापार सिद्धांतों को दोबारा लिखे जाने को मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि हाइब्रिड़ युद्ध आज के वक्त की सच्चाई है। संघर्ष के बदलते परिदृश्य में न तो स्पष्ट शुरुआत है और न ही कोई अंत।
रावत ने युद्ध में विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता के महत्व को रेखांकित किया। रावत ने इस कार्यक्रम में कहा‚ हर जवान को प्रशिक्षित और प्रोत्साहित रखने से ही प्रतिरोधक क्षमता आती है। रावत ने रेखांकित किया कि प्रतिरोधक क्षमता सैन्य नेतृत्व की इच्छाशक्ति और सख्त फैसले लेते वक्त सियासी नेतृत्व के इरादों से आती है।