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पुलिस ने पहले 2 लाख के इनामी नक्सली को मार गिराया, फिर किया अंतिम संस्कार

दुनिया में मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है और मदद से बड़ा कोई कर्म नहीं है। आज के आधुनिक समाज में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का दुश्मन नहीं होता बल्कि विचारों में विभेद होता है। वरना, पुलिस और अलगाववादियों में भला कैसी दुश्मनी? हैं तो दोनों इंसान ही, बस विचारों की लड़ाई के लिए सदियों से एक दूसरे से लड़ रहे हैं। लेकिन कई मौके ऐसे भी आए हैं जहां पुलिस ने इंसानियत की मिसाल कायम की है। कुछ ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ के कवर्धा में देखने को मिला है। जहां पुलिस ने पहले तो एक नक्सली (Naxalite) को मुठभेड़ में मार गिराया फिर सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार भी किया।

दरअसल पिछले दिनों कवर्धा के जंगलों में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक 2 लाख की इनामी महिला नक्सली (Woman Naxalite) मार गिराई गई थी। जुगनी नाम की ये नक्सली (Naxalite) महज 22 साल की थी और उसे 15 साल की उम्र में ही नक्सलियों ने अगवा करके अपने गिरोह में शामिल कर लिया था। मुठभेड़ में जुगनी की मौत के बाद से ही पुलिस शव को उसके घरवालों के सुपुर्द करने के लिए तलाश कर रही थी। पता चला कि ये महिला नक्सली बस्तर के दरभा इलाके की रहने वाली है और इसके पिता हड़मा बेको एक किसान हैं, जो खेतों में मजदूरी करके अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं।

जुगनी का जब अपहरण हुआ था उस समय वो पढ़ाई कर रही थी। गरीब और लाचार उसके पिता बेबस होकर ये सब देखते रहे। उनके पास अपनी जान बचाने के अलावा कोई चारा नहीं था, जुगनी के छोटे भाई-बहनों की परवरिश इस अभागे पिता के कंधों पर ही थी। लिहाजा, जुगनी के अपहरण का विरोध करने से ज्यादा अपने बाकी बच्चों की देखभाल करना था। हालांकि, जुगनी के नक्सली बनने के बाद उसके पिता ने उससे कभी मुलाकात नहीं की। पुलिस ने जुगनी के पिता से शव ले जाने की बात की तो वो उसे गांव में लाकर अपनी बदनामी नहीं कराना चाहते थे। तो पुलिस ने जुगनी के घरवालों को ही कवर्धा बुला लिया और यहां के मुक्तिधाम में घरवालों की मौजूदगी में इस महिला नक्सली का अंतिम संस्कार किया।

22 वर्षीय जुगनी सुरक्षाबलों पर कई नक्सली (Naxalite) हमलों में भी शामिल रही है, ऐसे में पुलिस द्वारा जुगनी का अंतिम संस्कार करवाना मानवता का एक जीवंत उदाहरण है।

जुगनी की मौत पिछले महीने की 29 तारीख को पुलिस गश्ती के दौरान हुए मुठभेड़ में हुई। पुलिस ने जुगनी को सुरतिया के जंगलों में मार गिराया, लेकिन उसके बाकी साथी भागने में सफल रहे। इस मुठभेड़ में पुलिस ने जुगनी के पास से एक रायफल, करीब 50 हजार रुपए कैश और कई दस्तावेज बरामद किए हैं। इन दस्तावेजों के आधार पर पता चला कि ये नक्सली सुरक्षाबलों के खिलाफ एक बड़े पैमाने पर हमले की योजना बना रहे थे।

इतिहास में आज का दिन – 6 अक्टूबर