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पाकिस्तान की कंगाली पक्की! टेरर फंडिंग रोकने में रहा नाकाम, ‘ग्रे लिस्ट’ में बरकरार

आतंकवाद के पनाहगार पाकिस्तान की तमाम पैंतरेबाजी एक बार फिर विफल साबित हुई है। वैश्विक आतंकवाद वित्तपोषण पर नजर रखने वाले निकाय फाइनेशल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू पाने में नाकामी के कारण पाकिस्तान को अगले चार माह तक संदिग्ध सूची (ग्रे लिस्ट) में ही रखने का फैसला किया है।

FATF ने साथ ही पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर वह आतंकवाद समेत 25 सूत्री एक्शन प्लान को पूरा नहीं करता है तो उसे ‘काली सूची (ब्लैक लिस्ट)’ में डाल दिया जाएगा। यह निर्णय FATF के अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (आईसीआरजी) की बैठक में लिया गया। यह बैठक पेरिस में पूर्ण सत्र के दौरान हुई। बैठक में राजनायिक और FATF के सदस्यों ने इस बात पर ध्यान देने को कहा है कि किस तरह पाकिस्तान FATF की तकनीकी प्रक्रिया का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान आगामी जून तक ‘संदिग्ध सूची’ में बना रहेगा। FATF ने अपने सदस्यों से पाकिस्तान के के तमाम कारोबारी रिश्ते और वित्तीय लेन–देन पर नजर रखने को भी कहा है।

नहीं मिला 13 देशों का समर्थन

इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार ने अपनी जनता से वादा किया था कि वह फरवरी में FATF की ‘संदिग्ध सूची’ से बाहर निकल जाएगा। चीन‚ मलयेशिया और तुर्की की मदद से पाकिस्तान ‘काली सूची’ में जाने से तो बच गया‚ लेकिन उसे ‘संदिग्ध सूची’ से बचने के लिए 13 देशों के समर्थन की दरकार थी‚ जो उसे नहीं मिला। पाकिस्तान ने ‘ग्रे लिस्ट’ से बचने के लिए पूरा तिकड़म लगाया और कई देशों ने उसके समर्थन में बोला भी। लेकिन तकनीकी ग्राउंड और सबूतों ने उसे बेदम कर दिया और FATF ने पाया कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं रखा जा सकता है।

पाकिस्तान को ऐंटी मनी लॉ्ड्रिरंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ सुधारात्मक कदम उठाने से जुड़ा सबूत दिखाने को कहा गया है। पाकिस्तान ने कहा‚ अधिकारी इन मामलों में कार्रवाई कर रहे हैं। पाकिस्तान ने आतंकवाद फंडिंग के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के बारे में भी जानकारी दी। पाकिस्तान को अब जून में FATF की ग्रे लिस्ट से बचने के लिए सभी 1267 वित्तीय संस्थानों और 1373 आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। इस्लामाबाद को इन आंतकियों और संगठनों को टेरर फंड जुटाने से रोकना होगा साथ ही उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए उनकी संपत्तियों को भी जब्त करना होगा।

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भारत कहता रहा है कि पाकिस्तान लश्कर–ए–तय्यबा‚ जैश–ए–मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी समूहों को समर्थन देता रहा है और उसका प्रमुख निशाना भारत है। भारत ने FATF से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने और इसे ‘काली सूची’ में डालने का भी आग्रह किया है। FATF पेरिस स्थित अंतर–सरकारी संस्था है। इसका काम गैर–कानून आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है। इसका गठन वर्ष 1989 में किया गया था। FATF की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है।

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