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151 गावों में नक्सली फरमान, ग्रामीणों ने अगर मोबाइल रखा तो मिलेगी मौत

ओडिशा के मलकानगिरी जिले में फैली नक्सलवाद की जड़ों की मजबूती देने के लिए  नक्सलियों (Naxali) ने स्थानीय गावों के लिए एक नया फरमान जारी किया है। इस फरमान के तहत अब बालीमेला के दूरस्थ इलाकों में बसे 151 गावों के लोगों को मोबाइल के इस्तेमाल पर पाबंदी है।

छत्तीसगढ़ के सुकमा से सटे ओडिशा के मलकानगिरी जिले के नक्सलवादियों ने अपनी असफलता को छुपाने के लिए और कायराना हरकतों को बढ़ाने के लिए स्थानीय लोगों को फिर से भयभीत करने का काम शुरू कर दिया है। नक्सलियों (Naxali) ने बालीमेला हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के दूरस्थ इलाकों में बसे 151 गांव वालों को चेतावनी दी है कि अगर यहां किसी के पास मोबाइल या संचार का दूसरा कोई साधन पाया गया तो उन्हें नक्सली प्रजा कोर्ट में मौत की सजा दी जाएगी। नक्सलियों (Naxali) के ऐसा करने के पीछे मुखबिरी को रोकना और गांजा-चरस की स्मग्लिंग को बढ़ावा देना है।

दरअसल पिछले पाँच सालों में इस इलाके के आस-पास सुरक्षाबलों ने नक्सलियों (Naxali) को हर मोर्चे पर असफल साबित किया है और इसके पीछे स्थानीय लोगों को सहयोग और सतर्कता सबसे ज्यादा कारगर साबित हुआ है। ऐसे में लगातार मुंह की खा रहे नक्सलियों (Naxali) ने गांव वालों और प्रसाशन के बीच के संपर्क साधन पर पाबंदी लगाकर दोबारा अपनी पैठ बनाने की कोशिश में लगे हैं। नक्सलियों (Naxali) के इस फरमान से स्थानीय गांव वालों में भय का माहौल है साथ ही यहां तैनात प्रशासन के अधिकारी भयभीत हैं।

गौरतलब है कि ओडिशा के मलकानगिरी जिले के अति पिछड़े इलाकों में प्रशासन ने बड़े पैमाने पर विकास के कार्य और जागरुकता अभियान चला रखा है। प्रशासन यहां के आदिवासी बच्चों और युवाओं को शिक्षित करने के स्कूल, ग्रामीणों के स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अस्पताल और सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई पुलिस पोस्ट बनाये हैं। चारों तरफ पानी से घिरे होने के कारण पहले यहां के गांव नक्सलियों (Naxali) की सबसे पसंदीदा पनाहगार जगह थी लेकिन प्रशासन ने पुल बनाकर इस पूरे इलाके को मुख्य धारा से जोड़ दिया है। ऐसे में आदिवासी इलाके में पहुंच रहे विकास से नक्सली घबरा गये हैं। बालीमेला के आस-पास छुपे नक्सली अपनी खोई साख को दोबारा पाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं लेकिन प्रशासन और ग्रामीणों के बीच पनपे विश्वास ने इनको हर मोर्चे पर विफल साबित किया है। ऐसे में यहां के नक्सली ग्रामीणों में खौफ पैदा करने के लिए अपनी हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। नतीजन नक्सलियों (Naxali) ने अंडापाली पंचायत और कई गावों के सरकारी नोटिस बोर्ड पर अपना पैगाम मिल कर लोगों के दिलों में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इस पैगाम में नक्सलियों (Naxali) ने कहा है कि अगर कोई ग्रामीण मोबाइल का इस्तेमाल करना चाहता है तो उसे पहले हमसे अनुमति लेनी पड़ेगी वरना मौत की सजा मिलनी तय है।

इस पूरे इलाके में सबसे बड़ी नक्सली घटना 2008 में घटित हुई थी। जब आंध्र प्रदेश के जवान एक वोट पर सवार होकर कट ऑफ एरिया में जाने का प्रयास कर रहे थे और नक्सलियों (Naxali) ने वोट पर हमला करके 38 जवानों को शहीद कर दिया था। वहीं 2011 में भी नक्सलियों (Naxali) ने तत्कालीन कलेक्टर को किडनैप करके इसी इलाके में रखा था। इन घटनाओं के बाद प्रशासन ने बड़े पैमाने पर विकास अभियान चलाकर यहां के नक्सलियों (Naxali) की कमर तोड़ दी है।