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तेलंगाना में 36 लाख के इनामी नक्सली के होने की सूचना, 30 साल से माओवादी आंदोलन में सक्रिय

Top Naxali leader Ganapathi

नक्सलियों (Naxalites) के शीर्ष नेता और माओवादी सेंट्रल कमेटी के पूर्व मुखिया नक्सली (Naxali) गणपति उर्फ लक्ष्मण राव के आत्मसमर्पण की अभी तक पुष्टि नहीं हो सकी। इस बात के संकेत जरूर मिल रहे हैं कि तेलंगाना पुलिस के साथ वह संपर्क में है और अगले दो से तीन दिनों के अंदर उसके समर्पण की घोषणा हो सकती है।

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नक्सलियों (Naxalites) की वजह से होने वाले नुकसान को समाप्त करने की दिशा में गणपति का समर्पण बहुत बड़ी सफलता साबित हो सकती है। 80 साल के गणपति पर 36 लाख रुपये का इनाम घोषित है। काफी कम लोगों ने ही उसे सार्वजनिक रूप से देखा है।

पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी हो सकती है नक्सली (Naxali) गणपति का सरेंडर 

खबरों के मुताबिक नक्सली (Naxali) गणपति सरेंडर के लिए पुलिस के संपर्क में है। हालांकि, सरेंडर को लेकर अधिकारिक तौर पर पुष्टी नहीं हुई है। पिछले दो दिन से खबर है कि गणपति तेलंगाना में सरेंडर करना चाह रहा है, लेकिन वहां के अफसर इस पर अधिकारिक तौर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

तेलंगाना के करीमनगर जिले के सारंगपुर निवासी  नक्सली (Naxali) गणपति 30 साल से माओवादी आंदोलन में सक्रिय है। वह लंबे समय तक नक्सलियों (Naxalites) की सेंट्रल कमेटी का सचिव रहा।

16 जून 1949 को  तेलंगाना के करीमनगर जिले के सारंगपुर में जन्मे गणपति 30 साल से माओवादी आंदोलन में सक्रिय है। वह लंबे समय तक माओवादियों की सेंट्रल कमेटी का सचिव रहा। वर्ष 2018 में स्वास्थ्यगत कारणों से उसने इस्तीफा दे दिया था। गणपति को 1977 में पहली बार पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में 1979 में उसे जमानत पर रिहा किया गया। इसके बाद से वह कभी पुलिस के हाथ नहीं आया।