झारखंड के गिरिडीह जिले में कुख्यात नक्सली मुन्ना मुर्मू ने आत्मसमर्पण कर दिया। 13 जून को उसने न्यायालय के सामने आत्मसमर्पण किया। वह 18 विभिन्न मामलों में आरोपी था। जिला जज वनराम बाबू गुप्ता की अदालत से नक्सली मुन्ना के खिलाफ कुर्की जब्ती का आदेश दिया था। पुलिस दबिश के कारण मुन्ना ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। उसके खिलाफ गावां थाना में नाजायज मजमा बनाकर आगजनी करने का आरोप था। साथ ही उस पर 17 सीएलए और 13 यूपीए एक्ट के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था। इसके पहले वह न्यायालय से जमानत ले चुका था। न्यायालय में उपस्थित नहीं होने पर उसका बंधपत्र खारिज कर उसे वारंट भेजा गया था।
मुन्ना लोकायनयनपुर के बसरिया गावं का रहनेवाला है। उसके खिलाफ गिरिडीह के अलावा बिहार के जमुई में भी नक्सली मामले चले थे। नक्सलियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जोरों पर है। इससे पहले पुलिस ने राज्य के लोहरदगा जिले के सेन्हा थाना क्षेत्र के हेसवे तेतरटोली गांव के पास पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी। दोनों ओर से हुई गोलीबारी में पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली घने जंगल का फायदा उठाकर कर भागने में सफल रहे। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद नक्सली संगठन जेजेएमपी के तीन माओवादियों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही पुलिस से नक्सलियों के पास से लूटी हुई एक एसएलआर और एक एलएमजी और 80 हजार रुपये बरामद किये। मुठभेड़ स्थल से दो कारें भी बरामद की गयीं।
जानकारी के अनुसार, 2.35 करोड़ रुपये की लागत से सड़क बनायी जा रही है। यहां जेजेएमपी नक्सली संगठन लेवी वसूलने के लिए और निर्माण कार्य को बाधित करने की फिराक में थे। इस बात की गुप्त सूचना लोहरदगा एसपी को मिली थी। इसके बाद एसपी प्रियदर्शी आलोक के निर्देश पर एएसपी अभियान के नेतृत्व में जिला पुलिस बल के जवानों ने छापेमारी अभियान चलाया। 12 जून की शाम पुलिस के जवानों ने तेतर टोली के समीप घेराबंदी कर रखी थी। इसी बीच नक्सलियों का दस्ता मौके पर पहुंच गया। पुलिस को देखकर नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भी फायरिंग की। जिसके बाद हथियार छोड़ भाग रहे नक्सलियों में से तीन को पुलिस ने खदेड़ कर पकड़ लिया।
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