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क्या है MSME, केंद्र की घोषणाओं का लाभ उठाने के लिए कैसे करें रजिस्ट्रेशन?

MSME((एमएसएमई) को बिना गारंटी तीन लाख रुपए का लोन।

कोरोना संकट (Covid-19) के चलते पूरा देश लॉकडाउन (Lockdown) के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने छोटे उद्योगों (MSME) के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। इन्‍हें तीन लाख करोड़ रुपये का कोलेट्रल फ्री लोन दिया जाएगा। यानी तीन लाख रुपए तक के लोन पर इनसे किसी तरह की कोई गारंटी नहीं ली जाएगी। इसकी अवधि चार साल की होगी। साथ ही, एक साल तक मूलधन को चुकाने की जरूरत नहीं होगी।

क्या है MSME?

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (Micro, Small and Medium Enterprise) को शॉर्ट फॉर्म में MSME कहा जाता है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र का देश के आर्थिक विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए, भारत सरकार ने लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई सारी योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं का लाभ MSME रजिस्ट्रेशन के माध्यम से उठाया जा सकता है।

एमएसएमई (MSME) कारोबारियों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा कई तरह से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। देश की अर्थव्यवस्था में लघु उद्योग क्षेत्र के योगदान को देखते हुए सरकारी बैंक के साथ ही साथ प्राइवेट क्षेत्र की नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियां (एनबीएफसी) भी कम ब्याज दर बिजनेस लोन दे रही हैं।

MSME कितने तरह के होते हैं?

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) दो तरह के होते हैं- पहला, मैनुफैक्चरिंग उद्योग (Manufacturing Enterprise), जिसमें नई चीजों को बनाने यानी मैनुफैक्चरिंग का काम किया जाता है और दूसरा, सर्विस सेक्टर (Service Enterprise), जिसमें सेवा देने करने का काम किया जाता है। इस सेक्टर में लोगों को और विभिन्न संस्थाओं का काम सर्विस देने का होता है।

पूंजी निवेश के आधार MSME की परिभाषा:

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) को पूंजी निवेश के आधार पर परिभाषित किया जाता है। केंद्र सरकार ने 13 मई को आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए एमएसएमई (MSME) की परिभाषा में बदलाव किया है। अब,  एक करोड़ रुपये तक के निवेश वाली इकाईयां सूक्ष्म, 10 करोड़ रुपये तक के निवेश वाली लघु और 20 करोड़ रुपये तक के निवेश वाली इकाईयां मध्यम उद्यम कहलाएंगी। परिभाषा में जहां एक तरफ इनमें स्थायी पूंजी निवेश की सीमा बढ़ाई गई है, वहीं सालाना कारोबार का नया मानदंड भी पेश किया गया।

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एमएसएमई (MSME) की परिभाषा के लिए सालाना कारोबार पर आधारित नया मानदंड बनाया गया है। इसके तहत 5 करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार वाली इकाईयां सूक्ष्म उद्यम, 50 करोड़ रुपये के कारोबार वाले लघु तथा 100 करोड़ रुपये के कारोबार वाले मध्यम उद्यम कहलाएंगे। बता दें कि अब तक विनिर्माण से जुड़े एमएसएमई उद्यमों की परिभाषा में सूक्ष्म उद्यम के लिए पूंजी की सीमा 25 लाख रुपये, लघु उद्यम के लिए 5 करोड़ रुपये और मध्यम उद्यम के लिए 10 करोड़ रुपये थी।

MSME के फायदे:

सूक्ष्म एवं मध्यम वर्गीय उद्योगपतियों को इसके अंतर्गत कई तरह के फायदे मिलते हैं, जैसे कम ब्याज दर पर लोन, उत्पादन शुल्क में छूट, योजना कर सब्सिडी आदि। इसके अलावा इसके अंतर्गत पंजीकृत सभी व्यापारियों के व्यवसाय से संबंधित कोई लाइसेंस या प्रमाणिकता आसानी से और कम समय में मिल जाती है।

कैसे होता है रजिस्ट्रेशन?

अहम बात यह है कि सरकार द्वारा चलाई जा रही सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए उद्योग का एमएसएमई (MSME) रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य होता है। MSME में रजिस्ट्रेशन एमएसएमई के अधिकारिक वेबसाइट पर किया जा सकता है। वहां, रजिस्ट्रेशन फॉर्म भर कर उसके साथ जरूरी कागजात की पीडीएफ फाइल्स अपलोड करने के बाद फॉर्म सबमिट करना होता है। इसके अलावा व्यापार से संबंधित एमएसएमई (MSME) के विभाग के माध्यम से भी इसमें रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।

रजिस्ट्रेशन के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-

https://msme.gov.in/

रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी कागजात:

MSME के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कुछ जरूरी कागजात की जरूरत पड़ती है।

रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी कागजात की लिस्ट-

1- आवेदनकर्ता का पैन कार्ड की फोटो कॉपी
2- आवेदनकर्ता के प्रमाण पत्र के रूप में आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस की फोटो कॉपी
3- पासपोर्ट साइज का फोटो
4- यदि लाभार्थी किसी किराए के संपत्ति में अपना उद्योग लगाता है, तो किराएदार का समझौता प्रमाण पत्र
5- यदि लाभार्थी स्वयं की संपत्ति में अपने उद्योग को चलाता है, तो इसके लिए संपत्ति के दस्तावेज
6- लाभार्थी का शपथ प्रमाण पत्र
7- लाभार्थी का घोषणा पत्र और एनओसी
8- इसके अलावा लाभार्थी को गवाह के रूप में दो लोगों की भी जरूरत होती है